त्योहारों के मौसम में यात्रियों का ट्रेन से आवागमन बढ़ जाता है। इस कारण ट्रेन और स्टेशन में भीड़ बढ़ जाती है। इस दौरान कई लोगों के सामान चोरी की भी घटनाएं सामने आती हैं। कई बार यात्री महंगे सामान को लेकर ट्रैवल करते हैं और उनका सामान अगर गुम हो जाता है उन्हें काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर ट्रेन में यात्री का सामान गुम हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?
किसकी होगी जिम्मेदारी?
दरअसल इसी तरह का एक मामला सामने आया है जिसमें दुर्ग के रहने वाले यात्री का एक बैग चोरी हो गया था। यह घटना मई 2017 की अमरकंटक एक्सप्रेस की है। नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन यानी NCDRC का इस मामले में बयान आया है जिसमें रेलवे को यात्री को 4.7 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
पीड़ित ने अपने याचिका में कहा था कि टीटीई और रेलवे पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अनाधिकृत व्यक्ति आरक्षित डिब्बे में घुस गए थे। इस दौरान पीड़ित के करीब साढ़े नौ लाख रुपये का नुकसान हुआ था। यह कहा गया है कि आरक्षित डिब्बे में इस तरह की घटना गलत है इसकी जिम्मेदारी रेलवे को लेनी होगी।