सड़कों को बेहतर, सड़कों के सुदृढ़ीकरण, चौड़ीकरण एवं नवनिर्माण कुल 766 परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया। 1023 करोड़ रुपये की लागत वाली इन सभी परियोजनाओं की समन्वित दूरी 1003 किमी है। सोमवार को प्रभारी मंत्री दयाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों की तरफ से दिए गए प्रस्ताव पर हुआ। उनका उन्नयन किया जाना चाहिए। इससे सड़क की क्षमता और ज़्यादा वाहनों को आने जाने में आसानी हो तथा भीड़-भाड़ मे दबाव कम और यात्रा का समय भी कम आसान हो। इस बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सांसद देवरिया सदर शशांक मणि त्रिपाठी, विधायक रुद्रपुर जयप्रकाश निषाद,विधायक भाटपाररानी सभाकुंवर कुशवाहा मौजूद रहे। प्रस्तावों के अनुमोदन के पश्चात शासन को भेजा जाएगा, जहां अंतिम स्वीकृति मिलेगी। प्रभारी मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए, सड़कों को इस तरह डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि दुर्घटनाओं का खतरा कम हो, इसके लिए सड़कों को चौड़ा किया जाना चाहिए और नई लेनें जोड़ी जानी चाहिए। जलवायु परिवर्तन से सड़क रखरखाव प्रभावित होता है। इसलिए जलवायु के अनुकूल सड़कें बनानी चाहिए।
वर्तमान एवं भविष्य की आवश्यकताओं के देखते हुए सड़कों के नवनिर्माण, सुदृढ़ीकरण व चौड़ीकरण का कार्य प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किया जा रहा है। लोगों को सुलभ एवं सुविधाजनक आवागमन मार्ग उपलब्ध कराने के लिए सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है और नये-नये पुल बनाये जा रहे हैं। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इन प्रस्तावों के माध्यम से जनपद के विकास को नई दिशा दी जा रही है।
जिन सड़क परियोजना का अनुमोदन किया गया उसमें राज्य सड़क निधि की सर्वाधिक 481 परियोजना, मार्गों के अनुरक्षण की 183 परियोजनाएं, सेतु दीर्घ, लघु सेतुओं के निर्माण की 28, नाबार्ड योजनान्तर्गत ग्रामीण मार्गों के नवनिर्माण की 45, सेतु-रेल उपरगामी, अधोगामी से जुड़ी 10 और अंतरराज्यीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण प्रमुख रूप से शामिल है। उन्होंने देवरिया-कसया मार्ग को फोरलेन करने, यमुना नहर से बरारी-बांसपार बुजुर्ग-हाटा मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, अहिल्यापुर में रेलवे ओवरब्रिज सहित कई प्रस्ताव दिए, जिसका अनुमोदन किया गया।
साथ ही उन्होंने मोहन सेतु को शीघ्र पूर्ण करने तथा भागलपुर पुल की मरम्मत कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया। सांसद देवरिया शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा कि सड़कों के निर्माण एवं मार्ग-सेतु निर्माण निर्धारण में भारत की अंतरिक्ष प्रद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।