जब कोई बैंक अपने वित्तीय स्थिति के कारण डूबता है तो उसके ग्राहकों की जमा राशि की सुरक्षा के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एक महत्वपूर्ण उपाय है. इसके तहत अगर बैंक डूबता है तो उसके ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है जो पहले 1 लाख रुपये था. इस बदलाव से ग्राहकों का विश्वास मजबूत हुआ है और बैंकों के प्रति उनकी चिंता कम होती है.
भारतीय बैंकिंग सिस्टम की ताकत
भारतीय बैंकिंग प्रणाली विशेष रूप से कॉमर्शियल बैंक (Commercial Banks in India) काफी मजबूत है और इसे वैश्विक तुलना में भी स्थिर माना जाता है. इसका प्रमाण है कि जब अमेरिका में 2023 में चार बड़े बैंक डूबे तब भी भारतीय बैंकिंग तंत्र पर कोई खास असर नहीं पड़ा. यह भारतीय नियामक और बैंकिंग संरचना की मजबूती को दर्शाता है.
भारत के तीन अत्यंत सुरक्षित बैंक
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India), ICICI बैंक और HDFC बैंक भारत के सबसे सुरक्षित बैंक माने जाते हैं. इन बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इम्पॉर्टेंट बैंक (D-SIB) का दर्जा प्राप्त है, जो यह सुनिश्चित करता है कि ये बैंक देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस दर्जे के साथ आने वाली जिम्मेदारियाँ और नियामकीय जांच इन बैंकों को अतिरिक्त रूप से सुरक्षित बनाती हैं.
डी-सिब की सूची और उसकी अहमियत
आरबीआई द्वारा हर वर्ष जारी की जाने वाली डी-सिब सूची उन बैंकों की पहचान करती है जो देश की आर्थिक स्थिरता के लिए अति महत्वपूर्ण होते हैं. इस सूची के तहत बैंकों को उनकी आर्थिक स्थिति और ग्राहकों के आधार पर विभिन्न स्तरों में बांटा जाता है जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा और बढ़ जाती है.
विशेष सुरक्षा उपाय
D-SIB का दर्जा प्राप्त बैंकों के लिए आरबीआई द्वारा विशेष सुरक्षा उपाय अपनाए जाते हैं. इनमें एक बड़ा कैपिटल बफर और कॉमन इक्विटी टियर 1 कैपिटल शामिल है, जो बैंकों को किसी भी वित्तीय आपातकाल का सामना करने के लिए तैयार रखता है. ये उपाय बैंकों की वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने में मदद करते हैं और ग्राहकों की जमा राशि की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं.