UP New Expressway: उत्तर प्रदेश की आर्थिक उन्नति और सामाजिक विकास में एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे इसी पहल का एक हिस्सा है, जिसका निर्माण इस वर्ष के अंत तक शुरू होने वाला है. इस परियोजना से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यह कई राज्यों को जोड़ने में भी सहायक होगी.
जुड़ेगा पूर्वांचल से पश्चिम उत्तर प्रदेश
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को जोड़ेगा जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में आना जाना होगा. यह एक्सप्रेसवे हरियाणा, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ यूपी की कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगा जिससे व्यापार और पर्यटन को नई दिशा मिलेगी. गोरखपुर-शामली Expressway गोरखपुर (Gorakhpur), संतकबीरनगर (Sant Kabir Nagar), बाराबंकी (Barabanki)गोंडा (Gonda), बस्ती (Basti), बहराइच (Bahraich), लखनऊ (Lucknow), अयोध्या (Ayodhya), सीतापुर (Sitapur), शाहजहांपुर (Shahjahanpur), हरदोई (Hardoi), बदायूं (Badaun), बरेली (Bareilly), रामपुर (Rampur), मुरादाबाद (Moradabad), संभल (Sambhal), अमरोहा (Amroha), बिजनौर (Bijnor), मेरठ (Meerut), मुज़फ्फरनगर (Muzaffarnagar), सहारनपुर (Saharanpur) और शामली इत्यादि
700 किलोमीटर की लंबाई वाला एक्सप्रेसवे
यह 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे के बाद सबसे लंबा होगा. इसका निर्माण गोरखपुर से शुरू होकर शामली में समाप्त होगा जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी महज आठ घंटे में तय की जा सकेगी. यह परियोजना प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी.
निवेश और आर्थिक लागत
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगभग 35,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी जो न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगी बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी प्रदान करेगा. यह व्यापारिक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी और राज्य के विकास को नई राह मिलेगी.
आपातकालीन महत्व
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे आपातकालीन स्थितियों में सैन्य और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए भी कारगर साबित होगा. इस एक्सप्रेसवे का उपयोग हवाई पट्टी के रूप में भी किया जा सकेगा जिससे सेना को आपातकालीन उड़ान भरने में सुविधा होगी.