Hydrogen Solar Panel : भारत में आ रहें हैं हाइड्रोजन सोलर पैनल, जो दिन में तो बिजली का निर्माण करेंगे ही बल्कि रात को भी बिजली उत्पन्न करते हैं। क्या साधारण सोलर पैनल से इनकी कीमत अधिक होने वाली है? तो चलिए जानते हैं इस खास जानकारी के बारे में………
आमतौर पर आपने देखा होगा की सूर्य को रोशनी में तो सोलर पैनल काम करते हैं, परन्तु आपको पता है अब सोलर पैनल रात को भी बिजली निर्माण का काम करेंगे। जी हाँ यह बात सच होने वाली है, वैज्ञानिकों द्वारा एक क्रांतिकारी Hydrogen Solar Panel को विकसित किया गया है जो बिना बैटरी के भी घरों में 24 घंटे बिजली प्रदान करने का कार्य करते हैं। अब आप बिना बिजली बिल की चिंता किए घर के सभी उपकरण दिन रात चला सकते हैं।
Hydrogen Solar Panels क्या है?
हाइड्रोजन सोलर पैनल एक नई तकनीक के सोलर पैनल हैं, यह पैनल सौर ऊर्जा तथा हाइड्रोजन तकनीक का मिश्रण है। यह पारम्परिक सोलर पैनल से कहीं अधिक शक्तिशाली होते हैं तथा दिन के साथ साथ रात में भी बिजली निर्माण करने का कार्य करते हैं। दिन के समय में यह पैनल, नॉर्मल सोलर पैनल के जैसा कार्य करते हैं, बल्कि यह वायुमंडल से पानी खींचने का काम करते हैं और टैंक में हाइड्रोजन जमा करते हैं। इसका इस्तेमाल रात में घर के उपकरणों में ऊर्जा देने के लिए होता है।
सोलर पैनल की आवश्यकता क्यों होती है?
आज के समय में जिन सोलर पैनल का अधिक इस्तेमाल किया जाता है उनमें रात में बिजली बैकअप के लिए आपको बैटरी लगाना जरुरी होता है। सोलर पैनल की तुलना में बैटरी का जो जीवनकाल होता है वह बहुत ही कम होता है। इसे लगाने के बाद आपको 5 से 6 साल में इस बैटरी को बदलना होता है। लेकिन ये जो पैनल हैं आपको इसमें किसी भी प्रकार की बैटरी बैकअप की आवश्यकता नहीं होती है।
इस नई टेक्नोलॉजी में सोलर पैनल में सॉलिड हाइड्रोजन का उपयोग होता है। यह पैनल हाइड्रोजन को संग्रहित करते हैं। जिन क्षेत्रों में बिजली कटौती की अधिक समस्या रहती है अथवा सूर्य की किरणे नहीं पड़ती हैं, वहां पर हाइड्रोजन सोलर पैनल लगाकर हाइड्रोजन संग्रहण किया जा सकता है।
कैसे करते हैं हाइड्रोजन सोलर पैनल काम?
Hydrogen Solar Panel ऊर्जा का निर्माण करने के लिए ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का इस्तेमाल करते हैं। यह हवा से सूर्य के प्रकाश तथा जल वाष्प का इस्तेमाल करके कार्य करते हैं।
जानकारी के लिए आपको बताएं तो, इस सोलर पैनल के दो प्रमुख पार्ट होते हैं, एक पार्ट के लिए फोटोवोल्टिक तथा हाइड्रोजन बनाने एक लिए एक परत होती है। पीवी परत एक नियमित सौर पैनल के जैसे होता है यह सूरज की रोशनी को ऊर्जा में परिवर्तन कर देती है। इसके बाद इस ऊर्जा का इस्तेमाल हाइड्रोजन बनाने वाली परत को चालू करने के लिए किया जाता है।
ट्यूबों के एक नेटवर्क से हाइड्रोजन बनाने वाली परत बनती है। यह जो अवरोध होता है वह हवा से जल वाष्प खींचता है। इसके पश्चात इलेक्ट्रोकैटलिस्ट की सहायता से पानी के धुंध को हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैस में परिवर्तन किया जाता है। जो पीवी परत होती है वह बिजली इलेक्ट्रोकैटलिस्ट को शुरू करती है।
हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों को विद्युत अपघटन नामक प्रक्रिया द्वारा अलग किया जाता है। हाइड्रोजन गैस टैंकों में इकठ्ठा होती है अथवा गर्मी के लिए इसे डायरेक्ट ईंधन सेल में इस्तेमाल किया जाता है।
बाजार में हाइड्रोजन सोलर पैनल कब आएँगे?
हाइड्रोजन सोलर पैनल के निर्माता का कहना है कि, वर्ष 2026 तक इन सोलर पैनल को घरेलु एवं व्यवसायिक काम के इस्तेमाल के लिए बाजार में लाया जाएगा।
हाइड्रोजन सोलर पैनल के लाभ
- हाइड्रोजन उच्च दक्षता के सौर पैनल हैं। ये प्रति वर्ग फुट नियमित एवं सौर पैनलों की तुलना में ज्यादा बिजली जनरेट करने का काम करते हैं।
- आपको बता दें यह प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों सूर्य के प्रकाश का इस्तेमाल करते हैं जिस कारण ये अन्य सोलर पैनल से अधिक ऊर्जा का निर्माण करते हैं।
- ये कम रोशनी में भी काम कर सकते हैं क्योंकि ये सूर्य की रोशनी पर निर्भर नहीं होते हैं।
- यह जितनी भी अतिरिक्त ऊर्जा होती है उसे हाइड्रोजन गैस के रूप में इकठ्ठा कर लेते हैं, इसका इस्तेमाल आप बाद में कर सकते हैं।
- यह स्वच्छ ऊर्जा का निर्माण करते हैं, कोई भी हानिकारक उत्सर्जन नहीं करते हैं जिससे पर्यावरण प्रदूषण ना हो सके।
हाइड्रोजन सोलर पैनल के नुकसान
- पारम्परिक सौर पैनलों से इन सौर पैनलों की कीमत बहुत अधिक है।
- जो नियमित पैनल होते हैं उनकी तुलना में इन्हें बनाना अधिक कठिन होता है क्योंकि इनमे इलेक्ट्रोलाइजर, हाइड्रोजन टैंक तथा ईंधन सेल जैसे मुख्य पार्ट्स की जरूरत पड़ती है।
- हाइड्रोजन सोलर पैनल पारम्परिक सौर पैनलों की तुलना में कम कुशल होते हैं। इसका कारण ऊर्जा का नुकसान होता है। यह नुकसान पानी को हाइड्रोजन एवं बिजली में विभाजित करने की प्रक्रिया के समय होता है।
- हाइड्रोजन एक ज्वलनशील एवं विस्फोटक गैस होती है। अगर कोई रिसाव अथवा दुर्घटना की स्थिति होती है तो यह आग और विस्फोट का कारण बन सकती है। इससे जान-माल का खतरा होता है।
भारत में क्या है हाइड्रोजन सोलर पैनल की कीमत?
ख़बरों के अनुसार अभी बाजार में इन सौर पैनलों को नहीं लाया गया है। इसलिए अभी इनकी कीमत की जानकारी भी नहीं मिल है, कीमत जानने के लिए आपको कुछ समय का इन्तजार करना होगा। हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि अन्य सौर पैनलों से इनकी कीमत बहुत अधिक होने वाली है। हाइड्रोजन सोलर पैनल की कीमत भारत में 1 लाख रूपए से लेकर 3 लाख रूपए तक हो सकती है।
हाइड्रोजन सोलर पैनल एक प्रकार की नई तकनीक है जो सौर को हाइड्रोजन गैस में परिवर्तन करके स्टोर्ड करती है। इसके बाद हाइड्रोजन गैस से बिजली निर्माण किया जाता है। यह तकनीक पारम्परिक सोलर पैनल से बहुत ही डिफरेंट है, यह सूर्य के प्रकाश को सीधे विद्युत् ऊर्जा में बदलने के लिए यह फोटोवोल्टिक कोशिकाओं का इस्तेमाल करते हैं।