एमपी में अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों की नुकसानी का (Crop Insurance Claim) फसल बीमा जल्द मिलने वाला है आईए देखते हैं डिटेल।
Crop Insurance Claim | किसानों के लिए सोयाबीन की फसल लगातार घाटे का सौदा सिद्ध हो रही है। सोयाबीन की उत्पादन क्षमता लगातार कम हो रही है, वहीं मंडी भाव भी किसानों को निराश करने वाले बने हुए हैं।
इस खरीफ सीजन में अक्टूबर माह में पानी गिरने के कारण एक खास वैरायटी 1135 की सोयाबीन को काफी नुकसान हुआ है। जिन किसानों नें सोयाबीन बोनी 15 से 16 जून के आसपास की है उनकी फसल भी को भी हानि हुई है।
सोयाबीन की फसल में नुकसान को देखते हुए फसल की आने वाली राज्य सरकार के निर्देश Crop Insurance Claim के पश्चात राजेश विभाग द्वारा की गई है। प्रदेश के समस्त जिले जिलों से आने वाली का आकलन हो चुका है।
अब राज्य शासन व केंद्र शासन की ओर से सब्सिडी मिलना शेष है। बीमा राशि एक माह के अंदर बीमा कंपनी द्वारा जारी कर दी जाएगी, आईए देखते हैं डिटेल..
सोयाबीन फसल बीमा का प्रीमियम
Crop Insurance Claim | सोयाबीन फसल के बीमा की प्रीमियम राशि का बड़ा हिस्सा केंद्र व राज सरकार द्वारा जमा कराया जाता है। किसानों से केवल 940 रुपए प्रति हेक्टर बीमा की प्रीमियम ली जाती है।
जबकि राज्य सरकार व केंद्र सरकार मिलकर प्रति हेक्टर 3900 ₹ प्रति हैक्टर प्रीमियम के रूप में अपनी ओर से जमा करवाती है। एक हेक्टर सोयाबीन की फसल का बीमा 47000 रू का होता है।
इस वर्ष प्रति हेक्टर औसत पैदावार 12.52 क्वींटल रही
Crop Insurance Claim | सोया स्टेट के रूप में मशहूर मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन लगातार कम होता जा रहा है। मौसम की प्रतिकूलता एवं लागत के बढ़ने से किसानों को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है।
प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन किस कदर घट रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाए जा सकता है कि इस वर्ष उज्जैन जिले में ही सोयाबीन का औसत उत्पादन 12.52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा।
वर्ष 2022-23 में सोयाबीन की उत्पादकता और क्षेत्र आच्छादान का अध्ययन करें तो किसान कल्याण विभाग के अनुसार उज्जैन जिले में कुल 5 लाख 13 हजार हैक्टर में सोयाबीन बोया गया और उत्पादन 6 लाख 42 हजार 554 मैट्रिक टन हुआ। : Crop Insurance Claim
उत्पादकता की बात करें तो प्रति हेक्टर 12.52 क्वींटल की उत्पादकता किसानों को मिली। यानी कि एक बीघा में बमुश्किल दो -ढाई क्वींटल सोयाबीन हुआ है। अभी यदि खाद, बीज, कीटनाशक, ट्रैक्टर का भाड़ा आदि निकाल लिया जाए तो किसानों का हाथ में कुछ पैसा नहीं बचता है।
खरीफ फसल बीमा के प्रदेश के आंकडे
Crop Insurance Claim | खरीफ फसल 2024 में प्रदेश के 55 जिलों में 21172 यूनिट बनाकर कुल 24 लाख 7142 किसानों का बीमा किया गया और कुल क्षेत्रफल 4710 हजार हेक्टर क्षेत्र बीमित हुआ।
इतने बड़े क्षेत्र में बीमा के लिए किसानों से मात्र 395 करोड़ रूपया प्रीमियम के रूप में आया, जबकि राज्य सरकार ने 698 करोड रुपए वह केंद्र सरकार ने 698 करोड रुपए का प्रीमियम अपनी ओर से जमा किया है।
उज्जैन में कितने किसानों ने फसल का बीमा करवाया, जानें
Crop Insurance Claim | उज्जैन जिले में 1 लाख 50 हजार 566 किसानों ने सोयाबीन फसल का बीमा करवाया है। उक्त सभी किसानों ने कुल 3 लाख 13 हजार हेक्टर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी करी।
लगभग 6 लाख पॉलिसीयां बीमा कंपनी इफको टोक्यो द्वारा जनरेट की गई. इनमें से 80 प्रतिशत पॉलिसी का वितरण कर दिया गया है। कृषि बीमा पॉलिसी को किसान पोर्टल या पीएम फसल बीमा की वेबसाइट पर जाकर अथवा फसल बीमा का ऐप डाउनलोड करके भी डाउनलोड की सकती है।
खरीफ का फसल बीमा क्लेम कब जारी होगा, जानिए
Crop Insurance Claim | कृषि विभाग के अधिकारियों एवं बीमा कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक सरकार द्वारा की गई आनावरी हो चुकी है। सभी जिलों में की गई आनावरी के डाटा कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है, इसके पश्चात बीमा कंपनियों के द्वारा राज्य सरकार को क्लेम स्वीकृति का प्रस्ताव दिया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी की राशि जारी किए जाते ही फसलों का बीमा क्लेम जारी कर दिया जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि इस प्रक्रिया में एक महीना लग सकता है। एक महीने के भीतर बीमा क्लेम जारी होने की संभावना है। : Crop Insurance Claim