Indian railway news : दिल्ली और जयपुर के बीच सीधी रेल सेवा को बेहतर बनाने के लिए जालोर और समदड़ी-भीलड़ी रेलवे खंड पर नई योजनाएं गढ़ी जा रही हैं. इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति होगी बल्कि दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात के साथ उत्तर की प्रमुख राजधानियों का बेहतर सम्पर्क स्थापित होगा. इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने से इस खंड पर यात्री सुविधाओं में अपेक्षित वृद्धि होगी और 14 वर्षों की मांग की पूर्ति होगी.
दिल्ली से दूरी बनी चुनौती
ब्रॉडगेज बनने के 14 वर्षों के बावजूद जालोर, भीनमाल और रानीवाड़ा जैसे बड़े रेलवे स्टेशन दिल्ली और जयपुर से सीधी ट्रेन सेवाओं की कमी से जूझ रहे हैं. इस दूरी को पाटने के लिए बुधवार को जागनाथ में हुई बैठक में विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई. इस बैठक में यह उम्मीद जताई गई कि रेलवे बोर्ड जल्द ही इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देगा.
आवश्यक पहलुओं पर ध्यान
नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत से पहले रेलवे प्रशासन विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करता है जैसे कि स्थानीय जरूरतें, रैक मेंटिनेंस की सुविधाएं, और संबंधित मार्ग पर आवश्यकताओं का मूल्यांकन. रानीवाड़ा में हाल ही में स्थापित कोच वॉटरिंग प्लांट इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है जो सेवाओं के सुचारू संचालन में मदद करेगा.
ट्रेनों के ऑप्शन और संभावनाएं
जोधपुर-गांधीधाम ट्रेन, जो सप्ताह में तीन दिन चलती है, को दिल्ली तक विस्तारित करने की संभावना है. इसके अलावा, सालासर एक्सप्रेस, जो जोधपुर में लगभग सात घंटे रुकती है, को रानीवाड़ा तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. ये दोनों विकल्प इस क्षेत्र की दिल्ली तक सीधी कनेक्टिविटी को मजबूत कर सकते हैं.