पोष अमावस्या का त्यौहार 11 जनवरी को है।पोष अमावस्या के अवसर पर आपको अपने पितरो का स्मरण करना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।पितरो को नाराज करने से बचना चाहिए।अगर पितृ नाराज हो जाए तो आपको कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।पितरो को खुश करने के लिए पोष अमावस्या के दिन स्नान करे और उनके लिए तर्पण,दान आदि करे।अमावस्या के दिन पितरो के लिए दीपक जलाते है।तो आइए जानते हपोश अमावस्या पर पितरो के लिए दीपक कब जलाना चाहिए ??
ज्योतिष के अनुसार पितृ अमावस्या के दिन धरती लोक पर आते है और अपने वंश से दान,तर्पण,भोजन का अंश,दान आदि की उम्मीद रखते है।अमावस्या पर पुरे दिन वे धरती पर होते है और शाम के समय वापस पितृ लौटते है।उनकी वापसी के समय सरसो के तेल का एक दीपक जलाकर रखते है।यह दीपक उनके लिए होता है,जिससे उनके मार्ग में अंधकार न हो।वे तृप्त होकर वापस अपने लोक जाए।
पितरो को दीपक जलाने के समय
ऐसा माना जाता है सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल शुरू होता है।प्रदोष काल में पीपल के पेड़ के निचे आप सरसो के तेल का दीपक जलाए।पोष अमावस्या के दिन 11 जनवरी को सूर्यास्त शाम 5:43 बजे होगा।इस समय से आप अपने पितरो के लिए अमावस्या का दीपक जला सकते है। अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करे,इसमें देवो का वस् होता है।