अर्शदीप सिंह ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले भारतीय पेसर बनने का गौरव हासिल किया है, जिससे उन्होंने जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार को पछाड़ दिया है। यह उपलब्धि उनके लिए न केवल व्यक्तिगत बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है।
अर्शदीप सिंह का करियर
अर्शदीप सिंह ने जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ T20I क्रिकेट में डेब्यू किया था। तब से लेकर अब तक, उन्होंने 59 मैचों में 92 विकेट लिए हैं, जिनमें उनकी गेंदबाजी की औसत 18.47 है। उनकी इस सफलता का मुख्य कारण उनकी गेंदबाजी की तकनीक और मानसिक तैयारी है। अर्शदीप ने अपने प्रदर्शन के दौरान कई बार यह कहा है कि वे जसप्रीत बुमराह से बहुत कुछ सीखते हैं और उनके साथ खेलना उनके लिए एक बड़ा लाभ रहा है।
रिकॉर्ड तोड़ने की ओर कदम
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए T20I मैच में अर्शदीप ने एक और विकेट लेकर बुमराह के रिकॉर्ड को बराबर किया। इस मैच में उन्होंने 41 रन देकर एक विकेट लिया, जिससे उनका कुल विकेटों का आंकड़ा 89 हो गया। इस प्रकार, वे बुमराह के साथ संयुक्त रूप से भारत के तीसरे सबसे सफल T20I गेंदबाज बन गए हैं। युजवेंद्र चहल (96 विकेट) और भुवनेश्वर कुमार (90 विकेट) अभी भी उनसे आगे हैं।
अर्शदीप की गेंदबाजी शैली
अर्शदीप की गेंदबाजी शैली उन्हें अन्य पेसरों से अलग बनाती है। वे अक्सर अपने यॉर्कर और धीमी गेंदों के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें डेथ ओवरों में विशेष रूप से प्रभावी बनाती हैं। उन्होंने कहा है कि “मैं हमेशा बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करता हूं और उन्हें आउट करने के लिए रणनीति बनाता हूं”। उनकी यह सोच उन्हें मैच की स्थिति के अनुसार खेलने में मदद करती है।
टीम का समर्थन
अर्शदीप ने अपनी सफलता का श्रेय टीम के भीतर के सहयोग को भी दिया है। उन्होंने बुमराह का नाम लेते हुए कहा कि “उनकी मदद से मैं बेहतर प्रदर्शन कर पा रहा हूं”। इस तरह का समर्थन न केवल व्यक्तिगत विकास में मदद करता है, बल्कि टीम की सामूहिक सफलता को भी बढ़ाता है।
भविष्य की संभावनाएँ
अर्शदीप सिंह अब केवल दो विकेट दूर हैं भुवनेश्वर कुमार के रिकॉर्ड को तोड़ने से, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल T20I पेसर बना सकता है। यदि वे इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखते हैं, तो यह संभव है कि वे जल्द ही युजवेंद्र चहल के रिकॉर्ड को भी चुनौती दें।
अर्शदीप सिंह का यह नया कीर्तिमान भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है। उनकी मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। आने वाले समय में, यदि वे इसी तरह खेलते रहे, तो निश्चित रूप से वे भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लेंगे।