गेहूं की बुआई का समय हो गया है, ऐसे में किसान अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार उपयुक्त किस्मों का चयन कर कम लागत में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। गेहूं की एक ऐसी ही किस्म HD 3226 कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई है जो गेहूं में लगने वाले कई रोगों के लिए प्रतिरोधी होने के साथ ही अच्छा उत्पादन भी देती है। गेहूं की यह किस्म समय पर बुआई तथा सिंचित क्षेत्रों के लिए अनुशंसित की गई है। केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा इस किस्म को खेती के लिए वर्ष 2019 में जारी किया गया था।
HD 3226 गेहूं किस्म की खेती देश के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में की जा सकती है। जिनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभागों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झाँसी डिवीजन को छोड़कर) जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों (जम्मू और कठुआ जिले), हिमाचल प्रदेश (ऊना ज़िला और पांवटा घाटी के कुछ हिस्से) और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र शामिल है। इन क्षेत्रों के किसान गेहूं की इस किस्म की खेती करके अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
HD 3226 गेहूं किस्म की विशेषताएँ
- गेहूं की यह किस्म रबी सीजन में समय पर बुआई और सिंचित क्षेत्रों के लिए अनुशंसित की गई है।
- किसान इस किस्म की बुआई 5 नवम्बर से 25 नवम्बर के दौरान कर सकते हैं।
- यह किस्म 142 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
- इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा उच्च (12.8%) होती है।
- एचडी 3226 में उच्चतम ब्रेड गुणवत्ता स्कोर (6.7) और ब्रेड लोफ वॉल्यूम के साथ उत्तम ग्लू-1 स्कोर (10) है, जो विभिन्न अंतिम उपयोग वाले उत्पादों के लिए इसकी उपयुक्तता को दर्शाता है।
- यह किस्म करनाल बंट, चूर्णील आसिता, फ्लैग कंड, पीले, काले और भूरे रतुए रोग के लिये प्रतिरोधी है।
- किसान गेहूं किस्म HD 3226 से औसतन 57.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर एवं अधिकतम 79.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज प्राप्त कर सकते हैं।