beer bottles are green or brown: दुनिया भर में बीयर सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली ड्रिंक्स में से एक है और इसकी बोतलें अक्सर हरे या भूरे रंग की होती हैं. इन रंगों का चुनाव केवल ऐस्थेटिक्स के लिए नहीं होता, बल्कि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है जो बीयर की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है.
बीयर और इसकी बोतलों का ऐतिहासिक महत्व
प्राचीन काल में बीयर अक्सर पारदर्शी बोतलों में पैक की जाती थी लेकिन समय के साथ निर्माताओं ने पाया कि सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें बीयर के स्वाद और गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं. इसके कारण बीयर में बदबू और स्वाद में गिरावट आती थी जिसे ‘स्कंकिंग’ कहा जाता है.
भूरी और हरी बोतलों का उपयोग
बीयर निर्माताओं ने इस समस्या का समाधान भूरे रंग की बोतलों को अपनाकर किया, जो UV किरणों को अवशोषित करने में काफी प्रभावी थीं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब भूरे रंग की बोतलें कम हो गईं, तो निर्माताओं ने हरे रंग की बोतलों का उपयोग शुरू किया जो भूरे रंग की तुलना में कम प्रभावी होते हुए भी UV किरणों से कुछ हद तक सुरक्षा मिलती थीं.
आधुनिक युग में बीयर की बोतलें
आज भी भूरे और हरे रंग की बोतलें बीयर उद्योग में मानक के रूप में उपयोग की जाती हैं, हालांकि प्लास्टिक और एल्यूमीनियम के कैन भी लोकप्रिय हैं. इन बोतलों का उपयोग बीयर के स्वाद और गुणवत्ता को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए किया जाता है.