Indias Longest Highway: पिछले एक दशक में भारत में सड़क परिवहन का चेहरा बदल गया है. जहां पहले सिर्फ हाईवे हुआ करते थे वहीं अब एक्सप्रेसवे की बड़ी सीरीज विकसित की जा रही है. इस परिवर्तन का एक मुख्य उदाहरण दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है जो देश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक है.
NH44 की खासियत
भारत के हाईवे नेटवर्क की रीढ़ कहे जाने वाले एनएच 44 की कई खासियत हैं. यह न केवल देश का सबसे लंबा हाईवे है (longest highway in India) बल्कि यह अधिकतम राज्यों से होकर गुजरता है जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. NH44 कश्मीर से शुरू होकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है जिसे देश की यात्रा कराने वाला मार्ग भी कहा जा सकता है.
मार्ग की भौगोलिक विविधता
एनएच 44 की यात्रा कश्मीर की बर्फीली वादियों से शुरू होकर कन्याकुमारी के समुद्र तटों (from snowy valleys to coastal areas) तक जाती है. यह मार्ग विविध भौगोलिक स्थलों से होकर गुजरता है जैसे कि पहाड़, नदी, झरने और समुद्र जो यात्रियों को भारत की विविधतापूर्ण प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता हैं.
सात राजमार्गों का मिलान
NH44 का निर्माण वास्तव में देश के सात प्रमुख राजमार्गों को मिलाकर किया गया है. इसमें NH1A, NH1, NH2, NH3, NH75, NH26 और NH7 शामिल हैं. इन राजमार्गों के संगम से भारत में पहली बार नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर का निर्माण हुआ (North-South Corridor) जिससे यात्रा और व्यापार दोनों ही सुगम हुए हैं.
NH44 का वैश्विक महत्व
एनएच 44 न केवल भारत का बल्कि दुनिया का 22वां सबसे बड़ा हाईवे भी है. इसकी तुलना में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की लंबाई चार गुना कम है. इस हाईवे का निर्माण देश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है और यह राज्यों के बीच संपर्क सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है