Farmer protest: 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर जमे किसानों ने सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. संयुक्त किसान मोर्चा की हाल ही में चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि 6 दिसंबर को किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस आंदोलन का उद्देश्य सरकार का ध्यान उनकी मांगों की ओर आकर्षित करना है.
दिल्ली कूच की तैयारी और किसानों की योजना
किसानों ने घोषणा की है कि वे फिर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस दौरान शंभु बॉर्डर से दिल्ली की ओर बढ़ते हुए किसानों का आंदोलन (farmers’ protest from Shambhu border) नई ऊर्जा के साथ शुरू होगा. किसानों की इस घोषणा ने केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब के आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है.
किसान नेताओं की भूमिका और अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा
किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल की ओर से आमरण अनशन (hunger strike by Jagjit Singh Dalewal) की भी घोषणा की गई है जिसे आंदोलन को और बड़ा करने के लिए किया गया है. यह अनशन और दिल्ली कूच सरकार के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर समर्थन भी मिल सकता है.
पैदल मार्च और किसान संगठनों की भागीदारी
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के अनुसार 6 दिसंबर को होने वाला कूच पूरी तरह से पैदल (foot march by farmers) होगा जिसमें ट्रैक्टर या ट्राली का उपयोग नहीं किया जाएगा. इस दौरान, पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान संगठनों ने भी इस कूच में भाग लेने की योजना बनाई है और जल्द ही शंभू बॉर्डर पर एकजुट होंगे.