Haryana News: दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि यह क्षेत्र गैस चैंबर बनने की कगार पर है. इस बढ़ती हुई समस्या के कारण सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को बंद करने और कक्षाएं ऑनलाइन चलाने का निर्णय लिया है.
पराली जलाने की घटनाओं में कमी और चुनौतियाँ
हालांकि इस साल पराली जलाने की घटनाओं (stubble burning incidents) में कमी दर्ज की गई है फिर भी विशेषज्ञ चिंतित हैं. उनका मानना है कि किसान नासा की सैटेलाइट निगरानी (NASA satellite monitoring) से बचने के लिए नई तकनीकें अपना रहे हैं. कोरियाई सैटेलाइट (Korean satellite) के प्रमाणों से यह स्पष्ट हुआ है.
पंजाब में पराली जलाने के आंकड़े
विशेष रूप से पंजाब में, पराली जलाने की अधिकतर घटनाएं दोपहर बाद होती हैं जब सैटेलाइट की निगरानी कम होती है. विभिन्न जिलों जैसे कि मुक्तसर, मोगा, और फिरोजपुर में यह घटनाएं अधिक दर्ज की गई हैं.
नासा और कोरियाई सैटेलाइट डेटा का महत्व
नासा के वैज्ञानिकों और कोरियाई सैटेलाइट डेटा ने दिखाया है कि किसान जानबूझकर नासा की निगरानी से बचने के लिए दोपहर के बाद पराली जला रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप, वायु प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर हो गई है.
वैज्ञानिक और सरकारी प्रतिक्रियाएं
वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों ने इन घटनाओं की गंभीरता को समझते हुए कई उपायों की सिफारिश की है. इसमें जमीनी स्तर पर अधिक सख्त निगरानी और पराली जलाने के विकल्पों को बढ़ावा देना शामिल है.