गेहूं सहित अन्य रबी फसलों में कौन सा यूरिया (Urea For Wheat) डालना चाहिए आइए जानते हैं..
Urea For Wheat | गेहूं की फसल के लिए सबसे अधिक उपयोगी उर्वरकों में यूरिया का स्थान सर्वोपरि है। गेहूं के लिए यूरिया अति आवश्यक है।
यूरिया खाद का प्रयोग गेहूं की फसल में दूसरी सिंचाई से तीसरी सिंचाई के दौरान किया जाता है। मध्य प्रदेश सहित देश के कुछ राज्यों में बुवाई के पश्चात दूसरी सिंचाई शुरू हो चुकी है।
इस समय किसान यूरिया का प्रयोग करने लगे हैं, अधिकांश किसान छोटे दाने वाला यूरिया का इस्तेमाल करते हैं।
ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि यूरिया की अलग-अलग क्वालिटीज में से कौन से कौन सा यूरिया गेहूं की फसल के लिए सबसे अधिक उपयोगी रहेगा।
यूरिया के उपयोग (Urea For Wheat) को लेकर कृषि विशेषज्ञ क्या कहते हैं आईए जानते हैं..
छोटे दाने वाले (प्रिल्ड) यूरिया की आपूर्ति अधिक
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने टोंक (राजस्थान) बताते हैं कि वर्तमान में अधिकांशतः छोटे दाने वाले (प्रिल्ड) यूरिया की आपूर्ति हो रही है तथा कुछ स्थानों पर दानेदार (मोटे दाने वाला) यूरिया भी आने लगा है दोनों में ही 46 प्रतिशत नत्रजन होती है। ऐसे में किसान दोनों प्रकार की यूरिया में से किसका उपयोग (Urea For Wheat) करें, इसका चयन नहीं कर पता है।
दोनों यूरिया में से कौन सा बेहतर
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि परम्परागत छोटे दाने वाला प्रिल्ड यूरिया जल्दी पानी में घुल जाता है। जिससे अधिक वर्षा या सिंचाई के कारण घुलकर पौधो की जड़ो से नीचे चला जाता है जो पौधो के लिए उपलब्ध नही हो पाता एवं भूमि जल को प्रदूषित करता है या गैस बनकर उड़ जाता है। जिसके कारण इसकी उपयोग दक्षता कम हो जाती है अर्थात जो यूरिया खेत में दिया है, उसका पौधो द्वारा उपयोग कम होता है। (Urea For Wheat)
संयुक्त निदेशक कृषि सोलंकी ने बताया कि यूरिया की उपयोग क्षमता बढ़ाने के लिए करने के लिए दानेदार (मोटे दाना वाला) यूरिया बनाया गया है जो पौधे की आवश्यकता के अनुसार धीरे-धीरे घुलता है तथा पौधों को लम्बे समय तक नत्रजन उपलब्ध कराता है। (Urea For Wheat)
जिससे पानी में घुलकर पौधों की जड़ो के नीचे जाने एवं गैस बनकर उड़ने से कम नुकसान होने के कारण अधिक उपयोगी एवं लाभदायक है, इसकी उत्पादन लागत सामान्य यूरिया से अधिक होने के उपरान्त भी इसके लाभ को देखते हुए इसके प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गन्धक की परत से बढ़ती है उत्पादन क्षमता
सोलंकी ने बताया कि हाल ही में गन्धक लेपित यूरिया बनाया गया है, जिसमें धीरे घुलने के लिए इसके दानो पर गन्धक की परत चढ़ाई जाती है तथा इसकी उपयोग दक्षता सबसे अधिक है। इसमें 37 प्रतिशत नत्रजन के साथ-साथ 17 प्रतिशत गन्धक होती है, जिसके कारण यह लम्बे समय तक पौधों को नत्रजन एवं गन्धक उपलब्ध कराकर फसल के उत्पादन में अधिक बढोत्तरी करता है। (Urea For Wheat)
कौन सा यूरिया उपयोग करें
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि सभी कृषकों को सलाह दी जाती है कि मोटेदाने वाला यूरिया आपके क्षेत्र में उपलब्ध हो तो इसके उपयोग को प्राथमिकता दे एवं सल्फर लेपित यूरिया के प्रयोग को प्राथमिकता दे। (Urea For Wheat)
सभी यूरिया की दर समान है तथा छोटे दाने वाले प्रिल्ड एवं दानेदार यूरिया दोनो ही 45 किलोग्राम की पैकिंग में जबकि गन्धक लेपित यूरिया 40 किलोग्राम की पैकिंग में बाजार में उर्वरक विक्रेताओं के पास उपलब्ध है।
संयुक्त निदेशक सोलंकी ने बताया कि यूरिया में जितना मोटा दाना उतना अधिक उपयोगी रहता है। उन्होंने बताया कि गेहूं सहित अन्य रवि फसलों के लिए दानेदार और सल्फर कोटेड यूरिया अधिक उपयोगी है। इसलिए किसानों को सलाह है कि मोटे दाने वाला यूरिया काम में लें और गेहूं सहित अन्य रबी फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करें। (Urea For Wheat)