Vande Bharat News: उत्तर प्रदेश में स्थित लखनऊ से कानपुर समेत पांच रेलखंडों पर हाईस्पीड वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें दौड़ने का सपना अब हकीकत के करीब है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 480 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. प्रथम चरण में, लखनऊ से कानपुर के मध्य में यह अत्याधुनिक ट्रेन चलने लगेगी, जो यात्रियों को मात्र 45 मिनट में कानपुर पहुंचाने की क्षमता रखती है. इस परियोजना का उद्देश्य यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाना है, जिससे लोगों को समय की बचत होगी और यात्रा का अनुभव और भी बेहतर होगा.दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से हावड़ा, ये दोनों देश के महत्वपूर्ण रेलमार्गों में शामिल हैं. हावड़ा की मुख्य रेललाइन वाराणसी से होकर गुजरती है, जिसमें लखनऊ से कानपुर का रेलखंड सहायक लाइन के रूप में जुड़ा हुआ है. हाल ही में इस सेक्शन की खराब स्थिति के कारण ट्रेनों की गति 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं हो पा रही थी.
इस समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे विभाग ने सुधार कार्यों की योजना बनाई है, ताकि यात्री सुविधाओं में सुधार हो सके और ट्रेनों की गति बढ़ाई जा सके. रेलवे प्रशासन ने इस मुद्दे को प्राथमिकता दी है और जल्द ही आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने हाल ही में रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों, ट्रैक, रेलवे पुलों और सिग्नलिंग सिस्टम के उन्नयन का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया है. इस कार्य की जानकारी देते हुए डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि ‘मिशन रफ्तार’ के अंतर्गत लखनऊ से कानपुर के मध्य में सेमी हाई-स्पीड ट्रेन संचालित करने का मार्ग अब खुल गया है.
हाल ही में लखनऊ से कानपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर महत्वपूर्ण सुधार कार्य किए गए हैं. इस मार्ग पर इंटरलॉकिंग सिस्टम को स्थापित किया गया है और नए स्लीपर भी बिछाए गए हैं. इन परिवर्तनों के चलते अब कानपुर की दूरी महज 45 मिनट में तय की जा सकेगी.
वंदे भारत मेट्रो की गति 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होगी, जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा. विशेष बात यह है कि लखनऊ से कानपुर के अलावा, चार अन्य मार्गो पर भी वंदे भारत मेट्रो का संचालन किया जाएगा.
लखनऊ से पांच प्रमुख मार्गो पर वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा. इस योजना के प्रथम चरण में कानपुर मार्ग पर वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी. इसके पश्चात, लखनऊ से प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या और गोरखपुर के लिए भी मेट्रो के समान वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी.
इस नए परिवहन प्रणाली के चलते यात्रियों को यात्रा में काफी सुविधा मिलेगी. तेज गति और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए यह ट्रेनें अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी. रेलवे प्रशासन का यह कदम यात्रियों की समय की बचत करने के साथ-साथ उनके सफर को और भी सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
रेलवे अधिकारियों ने जानकारी दी है कि वंदे मेट्रो ट्रेनों के संचालन के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है. इन ट्रेनों को मेट्रो की तर्ज पर चलाने का प्रस्ताव है, जिससे यात्रियों को 150 – 200 किलोमीटर की दूरी तय करने में सुविधा होगी. इस दिशा में रेलवे अधिकारी विभिन्न मार्गों पर कार्य कर रहे हैं ताकि बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें.
वंदे मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों के लिए खड़े होने के साथ-साथ बैठने की व्यवस्था भी होगी, जिससे यात्रा के दौरान आराम और सुविधा दोनों का ध्यान रखा जा सके. रेलवे अधिकारियों का मानना है कि वंदे मेट्रो ट्रेनों का संचालन न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि समय की बचत भी करेगा.
वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों के टिकट प्राइस की दरें वंदे भारत एक्सप्रेस के समान होने की संभावना है. लेकिन, रेलवे अधिकारियों ने अभी तक टिकट प्राइस को अंतिम रूप नहीं दिया है और इस पर गहन विचार-विमर्श जारी है. रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इन नई मेट्रो ट्रेनों में भी वंदे भारत एक्सप्रेस के जैसे ही आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
किराए की संभावित संरचना के अनुसार, कानपुर के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को लगभग 500 रुपये का शुल्क देना पड़ सकता है. वहीं, अयोध्या के लिए यह दर 750 रुपये के आसपास होगी. प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों के लिए टिकट की कीमतें 900 से लेकर 1000 रुपये तक हो सकती हैं. यह नए मेट्रो सेवा के शुरू होने से यात्रियों को अधिक विकल्प और सुविधा मिलेगी, जिससे यात्रा का अनुभव और भी बेहतर होगा.
रेलवे बोर्ड ने वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों के संचालन के लिए सभी रेलवे जोनों को आवश्यक आदेश जारी किए हैं. इसके तहत बजट का प्राविधान भी किया गया है. रेलवे जोनों को इस परियोजना के लिए कुल 480 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. लखनऊ से कानपुर के बीच लगभग सभी कार्य पूरे हो चुके हैं. इस राशि का उपयोग अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर मार्ग पर किया जाएगा. परंतु, इन मार्गो पर संबंधित रेलवे जोनों ने आधारभूत ढांचे को और अधिक मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं. वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों के संचालन से तेज़ और सुरक्षित यात्रा की उम्मीद है, जो क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएगी. रेलवे विभाग ने इस परियोजना को समय पर पूरा करने का संकल्प लिया है, ताकि जल्द ही यात्रियों को इसका लाभ मिल सके.
लखनऊ से कानपुर के बीच वंदे भारत मेट्रो की यात्रा में यात्रियों को 80 किलोमीटर की दूरी तय करने में केवल 45 मिनट लगेंगे. वहीं, लखनऊ से अयोध्या की यात्रा 160 किलोमीटर की दूरी पर 90 मिनट में पूरी होगी.
प्रयागराज के लिए लखनऊ से यात्रा करने पर 197 किलोमीटर की दूरी को 115 मिनट में पार किया जा सकेगा. इसके अलावा, लखनऊ से वाराणसी के लिए यात्रा में 284 किलोमीटर की दूरी तय करने में 225 मिनट का समय लगेगा.
गोरखपुर की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए लखनऊ से दूरी 263 किलोमीटर है, जिसे वंदे भारत मेट्रो 210 मिनट में पूरा करेगी. इस तरह, वंदे भारत मेट्रो यात्रियों के लिए तेज और सुविधाजनक यात्रा का विकल्प प्रस्तुत कर रही है.