Haryana News : हरियाणा के बल्लभगढ़ से पलवल तक फैली मेट्रो परियोजना के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसे छह महीने के भीतर पूरा किया जाना है. यह प्रोजेक्ट कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे और हरियाणा ऑर्बिटल रेल से जोड़े जाने की योजना का हिस्सा है.
पलवल मेट्रो की योजना और अपेक्षित लाभ
प्रस्तावित मेट्रो लाइन की लंबाई लगभग 25 किमी होगी और यह पलवल से बल्लभगढ़ तक फैली होगी, जिससे इन क्षेत्रों की आने जाने सुविधा में बढ़ोतरी होगी और यात्रा समय में कमी आएगी (Palwal-metro-connectivity-enhancement). यह परियोजना न केवल स्थानीय नागरिकों को लाभ पहुंचाएगी बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी.
डीपीआर तैयारी और अध्ययन की प्रक्रिया
इस डीपीआर का उद्देश्य मेट्रो परियोजना की विस्तृत योजना बनाना है, जिसमें तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं का समावेश होगा (DPR-preparation-process). हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HMRTC) के मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रशेखर खरे के अनुसार, इस परियोजना की सफलता पर डीपीआर के पूरा होने के बाद ही मुहर लगेगी.
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की भूमिका
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट पलवल से सोनीपत के हरसाना कलां तक विस्तारित होगा और यह पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर, और सोनीपत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ेगा (Orbital-rail-corridor). इस परियोजना से इन क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी आएगी.
परियोजना के लिए आवश्यक भूमि और तैयारी
परियोजना के लिए आवश्यक 1665 एकड़ भूमि पहले ही सोनीपत, झज्जर, गुड़गांव, और पलवल जिलों के 67 गांवों से प्राप्त की जा चुकी है (land-acquisition-for-project). इस भूमि का उपयोग करके न केवल मेट्रो बल्कि रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय परिवहन ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.