UP News : उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के गोरखपुर को अब सीएम सिटी नाम से भी पहचाना जाता है पूर्वांचल के सबसे तेजी से विकसित होते शहरों में से एक बनता जा रहा हैण् योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से गोरखपुर के साथ.साथ वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में भी विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई हैण् इन शहरों में बेहतर सुरक्षाए साफ.सफाई और बढ़ती सुविधाओं के चलते लोग यहां बसने के लिए आकर्षित हो रहे हैंण् विशेष रूप से गोरखपुर में बाहरी क्षेत्रों से आकर जमीन खरीदने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही हैए जिससे शहर का रियल एस्टेट बाजार फल.फूल रहा है।
औद्योगिक शहर बन रहे गीडा में देशभर के बड़े उद्यमी जमीन तलाशने लगे हैं। पेप्सिको का उत्पादन शुरू होने और कोकाकोला को जमीन आवंटित होने के बाद अब टाटा मोर्ट्स, अमूल इंडिया, श्री सीमेंट समेत करीब 15 बड़ी कंपनियां गोरखपुर में निवेश के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश में हैं। गीडा के स्थापना दिवस समारोह में ये कंपनियां अपने स्टाल भी लगाएंगी। इसके लिए मुख्य मंच के बायीं तरफ व्यवस्था की गई है। इन्वेस्ट यूपी के इन स्टाल पर आ रहे उद्यमियों में से कुछ ने धुरियापार में जमीन भी देखी है। दराअसल पिछले 8 से 10 सालों में गोरखपुर में विकास की गति तेज हुई है। खासतौर से उसी इलाके से आने वाले योगी आदित्यनाथ के 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर के विकास में तेजी आई है।
शहर में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और प्रशासन का विशेष ध्यान होने की वजह से यहां के निवासियों को बेहतर माहौल मिल रहा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में महज आठ साल पहले तक कोई फैक्टरी लगाने को तैयार नहीं था। माहौल बदला तो एक के बाद एक बड़े निवेशक गोरखपुर की ओर चल पड़े। तत्वा प्लास्टिक, ज्ञान डेयरी से उत्पादन के बाद पिछले दिनों 1100 करोड़ निवेश कर वरुण बेवरेज ने पेप्सिको प्लांट लगाया और रिकॉर्ड समय में इससे भी उत्पादन शुरू हो गया। अब इसके बाद कोकाकोला कंपनी को भी 17 एकड़ जमीन पेप्सिको के बगल में ही मिल गई है।
चर्चा है कि लिंक एक्सप्रेस-वे के किनारे टाटा मोर्ट्स वेयरहाउस बनाने के लिए जमीन की तलाश में है। इसी प्रकार श्री सीमेंट कंपनी धुरियापार में फैक्टरी लगाना चाहती है। इसके अलावा अमूल इंडिया, पीटीसी सिक्योरिटीज समेत कुछ और कंपनियां भी गीडा में निवेश के लिए जमीन खोज रही हैं। इससे पहले अदाणी समूह भी धुरियापार में सीमेंट फैक्टरी लगाने के लिए 55 एकड़ जमीन देख चुका है। लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ करीब 800 एकड़ जमीन में इंडस्ट्रियल हब बनाया जा रहा है। लिंक एक्सप्रेस-वे से लखनऊ, वाराणसी की दूरी कम हो गई है। इसके लखनऊ-मुजफ्फरपुर हाईवे से जुड़ने के कारण सोनौली और बिहार की तरफ आवागमन भी आसान हो गया है। इसलिए उद्यमियों का फोकस लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ है। इसके अलावा धुरियापार में भी 5500 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र बन रहा है।