हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का बेहद महत्व है।ऐसा माना जाता है की इस व्रत को करने से पाप नष्ट होते है और भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।हर माह दो एकादशी व्रत आते है।पोष माह का एकादशी व्रत 21 जनवरी ,रविवार को है।पोष माह में आने वाले एकादशी व्रत को पुत्रदा एकादशी कहते है।इस व्रत का इतना ज्यादा महत्व है की इसको रखने वाला जीवन में हर सुख प्राप्त करता है।शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है।
पुत्रदा एकादशी का महत्व
पोष शुक्ल पक्ष दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी व्रत करने का विधान है।भगवान विष्णु को यह दिन समर्पित होता है।इस दिन सही हरी के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।इस व्रत को कोई भी कर सकता है। ऐसा मना जाता है की इस व्रत को नई संतान और नवविवाहित इसे करे तो उनको पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।
कैसे करे व्रत
इस दिन व्रत रखकर स्नान ध्यान करके भगवान विष्णु की भक्तिपूर्वक पोडषोपचार विधि द्वारा ॐ नमो भगवते वासुदेव इस मंत्र का जाप करे। इस मंत्र का जप करने के साथ ही पूजन सामग्री अर्पित करे।पूजन के मध्य भी इस मंत्र का जाप करते रहने चाहिए।समापन के समय क्षर्धा भाव से इस मंत्र के द्वारा जनादर्न की प्राथना करे। में एकादशी को निराहार रहकर दूसरे दिन भोजन करुगा ,आप मुझे उत्तम पुत्र दे ,ऐसी प्राथना करनी चाहिए। दिनभर सात्विक रहते हुए झूठ बोलने ,क्रोध करने और दुसरो को हानि पहुंचाने से बचना चाहिए।इसके अलावा व्रत करके एकादशी देशी के माहत्म्य की कथा सुने।