Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने अपने चार प्रमुख मार्गों – येलो, वायलेट, रेड और ग्रीन लाइन का परिचालन निजी एजेंसियों को सौंपने की तैयारी कर ली है. इस फैसले के तहत दो निजी एजेंसियां इन मार्गों पर मेट्रो की जिम्मेदारी संभालेंगी.
परिचालन का खर्च कम करने की दिशा में कदम
डीएमआरसी ने यलो लाइन पर चार साल पहले निजी एजेंसियों से मेट्रो परिचालन का काम लेना शुरू किया था. इस कदम का मुख्य उद्देश्य परिचालन लागत को कम करना था. अब इसी नीति को वायलेट, रेड और ग्रीन लाइन पर भी लागू किया जा रहा है.
600 कर्मचारियों की तैनाती
वायलेट लाइन पर मेट्रो परिचालन के लिए जेएमडी कंसल्टेंट नामक एजेंसी को चुना गया है. जिसमें 600 कर्मचारी शामिल होंगे. इन कर्मचारियों में चालक, ट्रेन अधीक्षक और प्रबंधक शामिल हैं.
प्रशिक्षण और तैनाती
फिलहाल 52 कर्मचारियों का प्रशिक्षण डीएमआरसी की अकादमी में चल रहा है और इस महीने के अंत तक इन्हें वायलेट और येलो लाइन पर तैनात कर दिया जाएगा. रेड और ग्रीन लाइन पर मेट्रो परिचालन के लिए न्यूविजन कमर्शियल और एस्कार्ट सर्विसेज नामक एजेंसी को चुना गया है. जिसके तहत अगले वर्ष फरवरी से चालक और अन्य स्टाफ की तैनाती शुरू हो जाएगी.
डीएमआरसी की निगरानी और समर्थन
हालांकि डीएमआरसी अपनी ट्रेनों के परिचालन की निगरानी जारी रखेगा और वर्तमान में तैनात ट्रेन ऑपरेटरों को तकनीकी कार्यों और आपातकालीन स्थितियों में सहायता के लिए उपलब्ध रखेगा.
लाभ और चुनौतियां
इस पहल से जहां एक ओर मेट्रो परिचालन की लागत कम होगी और सेवा में विविधता आएगी. वहीं इससे जुड़ी चुनौतियां भी हैं. निजी क्षेत्र के साथ समन्वय और उच्च सेवा मानकों को बनाए रखने की चुनौती इसमें शामिल है.