सरसों की फसल में फोटो में देरी और बीमारियों से किसान भाई हो जाएं सावधान। सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में ज्यादा तापमान रबी की फसलों को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहा है। राजस्थान सरसों की खेती में सबसे आगे हमेशा से रहा है। लेकिन इस बार तापमान की वजह से यहां सरसों की खेती में बहुत कमी नजर आई है।
पिछले दो सप्ताह में जो रिपोर्ट आई इसके अनुसार राजस्थान में बीते साल के मुकाबले लगभग 7.2 प्रतिशत सरसों की बुवाई कम हुई है। इतना ही नहीं तापमान ज्यादा होने की वजह से कई बीमारियां भी सरसों में देखने को मिली है। सरसों की फसल में बीमारियां भी हुई है।
तेल की जरूरत है कैसे होगी पूरी
सरसों की फसल का उत्पादन लगातार कम देखने को मिल रहा है। अगर ऐसे ही भारत में सरसों का उत्पादन कम होता रहा तो खाद्य तेलों की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता और ज्यादा बढ़ती नजर आएगी। खाद्य तेलों के आयात में भारत का पूरी दुनिया में दूसरा नंबर आता है।
लेकिन अगर ऐसे में सरसों की पैदावार घटती गई तो तेल की मांग को पूरा करने के लिए पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी ऑयल जैसे खाद्य तेलों की महंगी विदेशी खरीद बढ़ाने पर देश को मजबूर होना होगा। उत्तर पश्चिमी राज्य राजस्थान के जयपुर स्थित कई व्यापारी का कहना है कि अक्टूबर और नवंबर के पहले हफ्ते में तापमान सामान्य से ज्यादा बना हुआ था जो की फसलों के लिए बहुत बेकार था।
राजस्थान के किसान हुए चिंतित
खबर के मुताबिक अक्टूबर महीने में किसान ने 15 एकड़ जमीन पर रेपसीड लगाया था वही उसमें से 5 एकड़ पर फसल या तो ठीक से अंकुरित नहीं हुई या फिर अंकुरित होने के बाद में मुरझा गई। इतना ही नहीं इस किसान का कहना है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में बुवाई को बहुत ज्यादा प्रभावित कर दिया है इसकी वजह से पिछले साल के मुकाबले रेपसीड के अंतर्गत टोटल क्षेत्रफल में 10% की कमी नजर आ रही है।