वर्मी कंपोस्ट प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, किसान ले सकते हैं यहां से ट्रेनिंग। आज के समय में खेती में कई तरह के परिवर्तनों की जरूरत नजर आ रही है। किसानो को लगातार लागत में बढ़त और मिट्टी की उर्वरता में कमी नजर आ रही है। उत्पादन भी काम होता जा रहा है। ऐसे में जैविक खेती और वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन करना ही एक बहुत अच्छा उपाय और इस समस्या का समाधान माना जा रहा है। ताकि मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाई जाए और उत्पादन को बढ़ाया जाए।
अब ऐसे में बिक्रमगंज के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 8 दिवसीय वर्णी कंपोस्ट प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर दिया गया है। इसमें किसानों को सिखाया जाएगा कि वर्मी कंपोस्ट कैसे तैयार किया जाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
11 दिसंबर से प्रशिक्षण हुआ शुरू
इस वर्मीकंपोस्ट प्रशिक्षण शिविर में विशेषज्ञों की तरफ से वर्मी कंपोस्ट की प्रक्रिया के साथ इसके लाभ और फसल उत्पादन में सुधार के कई सारे तरीकों को विस्तार से समझाया जाएगा। इसके साथ ही इस कार्यक्रम के जरिए किसानों को एक अच्छा अवसर दिया जाएगा जहां पर वह आधुनिक तकनीकी को अपना करके खेती अच्छे से कर सके और नई ऊंचाईया हासिल कर सके। आपको बता दे कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज, के कार्यक्रम सहायक हरेंद्र प्रसाद शर्मा का कहना है कि यह प्रशिक्षण 11 दिसंबर से शुरू किया जा रहा है।
जिसके लिए किसानों की तरफ से आवेदन भी लेना शुरू हो गया है आवेदन के दौरान आपको कई सारे दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ेगी जिसमें आपको आधार कार्ड, एक रंगीन फोटो, बैंक पासबुक, मेंट्रिक और इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र, नरेगा जॉब कार्ड या ई-श्रम कार्ड देना होगा। इस तरह इन सभी दस्तावेजों को यहां पर जमा करना होगा जिसके बाद आप इस प्रशिक्षण का लाभ उठा सकते हैं।
भाग लेने वालों की होगी ऑनलाइन परीक्षा
इस आयोजन शिविर का समय सुबह के 10:00 बजे से लेकर शाम के 10:00 तक रहने वाला है। शिविर के दौरान बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था भी की जाने वाली है। इतना ही नहीं यहां का प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद में प्रतिभागियों को ऑनलाइन परीक्षा में भी शामिल होना होगा। अगर आप परीक्षा पास कर लेते हैं तो आपको भारत सरकार की तरफ से प्रमाण पत्र भी मिलेगा। सरकार का यह बड़ा कदम न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि टिकाऊ खेती की तरफ एक पहल है। इसके जरिए कई किसानों को बहुत लाभ मिलेगा।