स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ दोहरे कराधान से बचाव समझौते में ‘सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र’ (MFN) का दर्जा निलंबित कर दिया है। यह कदम भारतीय कंपनियों और भारत में स्विस निवेश को प्रभावित कर सकता है।
क्या है तरजीही राष्ट्र (MFN) दर्जा?
MFN का दर्जा एक प्रोटोकॉल है जो भारत और स्विट्जरलैंड के बीच दोहरे कराधान से बचाव समझौते (DTAA) का हिस्सा है। इस प्रावधान के तहत, यदि भारत किसी अन्य देश के साथ कम टैक्स दरों पर सहमति करता है, तो स्विट्जरलैंड भी उसी का लाभ उठा सकता था।
फैसले की वजह
स्विट्जरलैंड ने यह कदम भारत के उच्चतम न्यायालय के 2023 में दिए एक फैसले के बाद उठाया। न्यायालय ने कहा कि OECD (आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन) में किसी देश के शामिल होने से पहले हुई कर संधि पर MFN प्रावधान अपने-आप लागू नहीं होता। इसी वजह से स्विट्जरलैंड ने MFN दर्जा निलंबित करने का फैसला किया।
क्या होगा बदलाव?
- लाभांश पर टैक्स बढ़ेगा:
- पहले स्विट्जरलैंड में अर्जित लाभांश पर 5% टैक्स लगता था।
- अब यह टैक्स 10% तक बढ़ जाएगा (1 जनवरी 2025 से)।
- विदेशी निवेश पर असर:
- स्विस कंपनियां भारत में निवेश करने से हिचकिचा सकती हैं।
- स्विट्जरलैंड की 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता पर भी खतरा है।
भारतीय कंपनियों और आम आदमी पर असर
- भारतीय कंपनियों पर असर:
- स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय कंपनियों की टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी।
- मुनाफा कम होने से कंपनियों के विस्तार पर असर पड़ेगा।
- आम आदमी पर असर:
- टैक्स बढ़ने से स्विस कंपनियों के भारत में निवेश घट सकते हैं।
- इससे रोज़गार और विकास परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है।
- अगर स्विस निवेश कम होता है, तो स्थानीय स्तर पर उत्पाद और सेवाएं महंगी हो सकती हैं।
एक्सपर्ट की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत-स्विट्जरलैंड के आर्थिक संबंधों को कमजोर कर सकता है।
- लाभांश टैक्स बढ़ने से: निवेशकों को कम रिटर्न मिलेगा।
- कुल निवेश घटने का खतरा: भारत के स्विट्जरलैंड के साथ व्यापारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कैसे समझें इसे?
नीचे एक तालिका में बदलाव को सरल रूप से दर्शाया गया है:
बिंदु | पहले (MFN लागू) | अब (MFN निलंबित) |
---|---|---|
लाभांश पर टैक्स | 5% | 10% |
भारतीय कंपनियों का खर्च | कम | अधिक |
स्विस निवेश | बढ़ने की संभावना | घटने की संभावना |
आम आदमी के लिए सलाह
- स्विस उत्पाद खरीदते समय सावधान रहें: कीमतें बढ़ सकती हैं।
- नौकरी और निवेश विकल्प पर नज़र रखें: बड़े बदलाव आ सकते हैं।
- सरकार की नीतियों पर ध्यान दें: स्विस निवेश की भरपाई के लिए नई योजनाएं आ सकती हैं।
यह बदलाव सिर्फ आर्थिक आंकड़ों का मामला नहीं है, बल्कि इसका असर हर उस व्यक्ति पर पड़ेगा जो विदेशी कंपनियों से जुड़े उत्पादों, सेवाओं या नौकरियों पर निर्भर है।