UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 रोडवेज डिपो को निजी फर्मों के हवाले कर दिया है। जिसके चलते प्रदेश भर में 55 हजार रोडवेज कर्मचारियों में असमंजस और चिंता का माहौल है। निजीकरण की प्रक्रिया 1 जनवरी 2025 से लागू होगीए जिससे कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में निजीकरण के रास्ते धीरे-धीरे खुल रहे हैं. पहले बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर दिए जाने की कार्रवाई शुरू हुई. इसके बाद प्रदेश के 19 रोडवेज डिपो को प्राइवेट फर्मों के हवाले कर दिया गया।
सील बॉक्स में कर्मचारियों से मांगी जा रही राय
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि 19 डिपो का कॉन्ट्रैक्ट जिन फर्मों को दिया गया है, वह अपना काम एक जनवरी से शुरू करेंगी. लखनऊ के अवध डिपो समेत प्रदेश के अन्य रीजनों के 19 डिपो के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी प्राइवेट फर्मों को सौंपी गई है. कम कीमत पर यह सभी फर्म बसों को मेंटेन करेंगी। हमें पूरी उम्मीद है कि बॉक्स में जो भी पत्र डाले जाएंगे उसमें निजीकरण से सहमत कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होगी और इसी पर हम अपना आंदोलन खड़ा करेंगे. प्रदेश के परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री से मेरी मांग है कि व्यवस्थाएं पहले की ही तरह रहने दी जाएं. निजीकरण को बिल्कुल भी बढ़ावा न दिया जाए। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष त्रिलोकी व्यास का कहना है कि परिवहन निगम लगातार निजीकरण की तरफ अग्रसर है. अपने 19 डिपो प्राइवेट हाथों में सौंप दिए हैं जिसका हम विरोध करते हैं. धीरे-धीरे निजीकरण हो जाएगा और कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. 55 हजार कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा।
बढ़ीं कर्मचारियों की चिंताएं
निजीकरण से परिवहन निगम के 55000 कर्मचारी प्रभावित होंगे. उन्होंने बताया कि चारबाग बस स्टेशन पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंत्री सुभाष चंद्र तिवारी और उद्यान महासंघ के अध्यक्ष अविनाश चंद्र श्रीवास्तव ने बॉक्स को सील कर दिया है। इसे 20 दिसंबर को ओपन किया जाएगा और सहमत की संख्या ज्यादा होगी तो आगे का आंदोलन तेज किया जाएगा. अगर असहमत की संख्या ज्यादा होती है तो फिर इस पर विचार किया जाएगा। रेलवे की तरह ही रोडवेज में पहली बार रेफरेंडम की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. 12 दिसंबर से 20 दिसंबर तक बाकायदा कर्मचारियों की निजीकरण को लेकर सहमति लेने के लिए सभी कार्मिकों को सील बॉक्स में अपना पत्र डालना है। सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की तरफ से गुरुवार को लखनऊ के चारबाग बस स्टेशन पर एक सील बॉक्स रखा गया. इसमें रोडवेज के कर्मचारी एक प्रोफार्मा पर रोडवेज में निजीकरण को लेकर सहमत या असहमत पर टिक कर बॉक्स के अंदर डाल सकते हैं।