UP News : उत्तर प्रदेश योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक गंगा एक्सप्रेस.वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक मेरठ में गंगा एक्सप्रेस. का काम पूरा हो जाएगा। 2025 में होने वाले कुंभ मेले से पहले इसे पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। गंगा एक्सप्रेस वे पर नवंबर 2025 तक सफर का आनंद लिया जा सकता है।
एक्सप्रेस.वे पर कब फर्राटा भरेंगे वाहन
विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी प्रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अधिग्रहण के दायरे में आए 18644 किसानों को 11.38 अरब रुपये का मुआवजा भुगतान किया जाना है। जिसमें अभी 1185 काश्तकारों को 65 करोड़ का मुआवजा दिया जाना लाइन में है। ऐसा इसलिए कि गंगा एक्सप्रेस वे का अभी 60 प्रतिशत ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है। अभी 40 प्रतिशत शेष काम पूरा किया जा रहा है। वैसे परियोजना की कार्यावधि भी नवंबर 2025 है। एक्सप्रेस वे बन जाने के बाद जिले से प्रयागराज तक की 211 किलोमीटर की दूरी मात्र ढाई घंटे में पूरी होगी। मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे जिले की छह तहसीलों के 76 गांवों से होकर निकल रहा है। एक्सप्रेसवे के लिए जिले में 1314 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
जिलों की बदलेगी तस्वीर
एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक का सफर महज 8 घंटें में पूरा किया जा सकेगा। अभी इस दूरी को तय करने में 11 घंटे से ज्यादा समय लगता है यानी लोगों के समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। एक्सप्रेस.वे से जुड़े कार्यों को डेडलाइन से पहले पूरा किया जा रहा है। वहीं, कानपुर-लखनऊ हाईवे पर बसीरतगंज व कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर नेवरना में एक-एक फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। इसका काम भी 60 प्रतिशत पूरा हुआ है। जबकि, 40 प्रतिशत कार्य शेष है। मार्ग पर मिट्टी भराई का काम 80 प्रतिशत पूरा हुआ है। वहीं डामरीकरण में अभी लगभग 40 प्रतिशत काम शेष है।
कुछ जगहों पर ग्रामीणों की मांग
कार्यदायी संस्था पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर के इंजीनियरों का कहना कि अंडरपास का निर्माण तेजी के साथ पूरा कराया जा रहा है। वहीं अलगनगढ़ में ग्रामीणों
द्वारा की गई अंडरपास की मांग को मान ली गई है। जबकि, सफीपुर के मत्तूखेड़ा मजरा रहीमाबाद में किसानों द्वारा अंडरपास की मांग पर किए गए धरना-प्रदर्शन पर अभी कोई निर्णय नहीं निकल सका है। जनपद में 105 किमी के क्षेत्रफल को आच्छादित करते हुए निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस के प्रस्तावित रूट पर 26 अंडरपास बनने हैं। इसके अलावा, बाद में कुछ जगहों पर ग्रामीणों की मांग पर पांच से छह स्थानों पर और अंडरपास प्रस्तावित किए गए थे जो अभी बनाए जा रहे हैं।