दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया गया है। इसके तहत, वाहनों के संचालन पर सख्त नियम लागू किए गए हैं। खासतौर पर बीएस-4 डीजल और बीएस-3 पेट्रोल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाकर वायु गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
लागू किए गए मुख्य प्रतिबंध:
- बीएस-4 डीजल वाहन: दिल्ली में मध्यम आकार के गैर-जरूरी मालवाहक वाहनों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध।
- दिल्ली के बाहर पंजीकृत वाहन: बीएस-4 डीजल और बीएस-3 पेट्रोल वाहन अब शहर में प्रवेश नहीं कर सकते।
- वाहन जांच:
- दिल्ली के हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जुड़ने वाले 10 से अधिक प्रवेश बिंदुओं पर वाहनों की सघन जांच।
- वाहनों के पंजीकरण और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
- बैरिकेडिंग: राष्ट्रीय राजधानी के कई स्थानों पर बैरिकेड लगाकर वाहन चेकिंग तेज कर दी गई है।
गाड़ियों पर कार्यवाही के तौर पर प्रदूषण सर्टिफिकेट ना होने पर ₹10000 का जुर्माना और प्रतिबंधित गाड़ियों के संचालक को जप्त करने तक की कार्यवाही की जा रही है. प्रदूषण सर्टिफिकेट की चेकिंग पेट्रोल पंप पर औचक निरीक्षण टीम के द्वारा किया जा रहा है.
GRAP के तीसरे चरण की जरूरत क्यों?
- दिल्ली-एनसीआर में मौसमी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता खराब हो गई है।
- GRAP के तहत बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से कड़े कदम उठाए जाते हैं।
- तीसरा चरण मुख्य रूप से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के “गंभीर” स्तर पर पहुंचने के बाद लागू होता है।
प्रभाव:
- यह कदम प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगाम लगाने में मदद करेगा।
- यातायात पुलिस ने सख्ती से इन प्रतिबंधों को लागू करने का बीड़ा उठाया है।
- दिल्ली की सीमाओं पर वाहनों के प्रवेश पर सख्त निगरानी वायु गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास है।
वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए GRAP के तहत उठाए गए ये कदम जरूरी हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि दिल्ली के निवासियों को यातायात से जुड़ी असुविधाओं का कम से कम सामना करना पड़े। पुलिस और प्रशासन के ये प्रयास वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक अहम कदम साबित हो सकते हैं।
मुख्य बिंदु | विवरण |
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निषिद्ध वाहन | बीएस-4 डीजल, बीएस-3 पेट्रोल वाहन |
प्रभावित क्षेत्र | दिल्ली और एनसीआर |
वाहन जांच स्थान | दिल्ली की सीमाओं और प्रमुख सड़कों पर |
मुख्य उद्देश्य | वायु गुणवत्ता में सुधार |
प्रवर्तन अवधि | GRAP के तीसरे चरण तक |