किसानों के लिए खुशखबरी! केवल ₹5 खर्च करके पाए स्थाई कृषि पंप कनेक्शन। फिलहाल गेहूं की बुवाई के बाद में किसानों को पानी की आवश्यकता पड़ेगी जिससे कि वह गेहूं की फसल में सिंचाई कर सके। ऐसे में किसान कनेक्शन के लिए यहां वहां भटकते नजर आते हैं। आए दिन देखने को मिलता है कि किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी तो कभी बिजली, कृषि पंप जैसी समस्याओं से जूझते नजर आते हैं। किसानों को अब इस समस्या से लड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस समस्या से निपटने के लिए एमपी में इसका प्लान तैयार हो चुका है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मात्र ₹5 में मिलेगा स्थाई कृषि पंप कनेक्शन
एमपी में विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी किए गए नियमों के मुताबिक, अब को टेंशन पोल से उपभोक्ताओं ने स्थापित होने वाली सर्विस लाइन में सुरक्षा नियमों की जांच करके ₹5 मात्रा में ग्रामीण क्षेत्र में नए स्थाई कृषि कनेक्शन दिया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया
बिजली कंपनी सरल संयोजन पोर्टल के जरिए उपभोक्ताओं को कनेक्शन फॉर्म भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाने वाली है। जिसमें ₹1200 प्रति हार्स पावर सुरक्षा निधि किसान के पहले बिल में जोड़ दी जाएगी।
किसानों को सवा लाख अस्थाई कनेक्शन दिए जाएंगे
सीएम मोहन यादव ने पिछले गुरुवार को राज्य के विकास को लेकर रोड मैप की जानकारी प्रदान की। इनका कहना है कि सरकार प्रदेश की इकोनॉमी को दोगुना करने की फिराक में है। जिसके लिए 4 साल में 125000 अस्थाई बिजली कनेक्शन वाले किसानों को सोलर पंप भी प्रदान किए जाएंगे।
जिससे कि सभी किसान बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर बन जाएंगे। इसके साथ ही आने वाले 5 साल में सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर एक करोड़ हेक्टेयर कर दी जाएगी। इतना ही नहीं इसके साथ पशुपालक को जो 10 गायों से ज्यादा गाय का पालन करते हैं उनको सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।
किसान डीजल पंप पर निर्भर
किसान आज भी बहुत बड़ी संख्या में बिजली कनेक्शन ना मिलने की वजह से डीजल पंप पर आश्रित है जिससे प्रदूषण तो बढ़ता ही है साथ ही खेती में लागत भी बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि डीजल खरीदने के लिए उनका काफी पैसा खर्च करना होता है।
सरकार अब कई जगह पर सोलर पंप की सुविधा भी उपलब्ध करवाने जा रही है ऐसे में बिजली जहां पर भी पहुंचना मुश्किल है वहां सोलर पंप के इस्तेमाल से किसानों को सिंचाई की व्यवस्था करवाई जाएगी साथ ही सोलर पंप डीजल के मुकाबले बहुत ही किफायती साबित होता है इससे किसानों के खर्चों में भी कमी होगी।