किसी भी क्षमता के सोलर पैनल को लगाने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि उनके द्वारा एक दिन में कितनी बिजली बनती है? जिससे अपनी आवश्यकता के अनुसार उन्हें लगाया जा सकता है।
सौर ऊर्जा का प्रयोग विद्युत ऊर्जा के रूप में करने के लिए सोलर पैनल की आवश्यकता होती है। Solar Panel के अंदर लगे फोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) द्वारा सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। वर्तमान समय में सोलर पैनलों का प्रयोग अधिक प्रचलन में है, क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल बिजली उत्पादन करने में सक्षम होते हैं जिनके प्रयोग से प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
क्या आप जानते हैं 1 Kw के सोलर पैनल से कितनी बिजली बनेगी? (1 Kw Solar panel generates units per day) 1 किलोवाट के सोलर पैनल सर्वाधिक प्रयोग होने वाले पैनल हैं। उनके द्वारा होने वाले बिजली के उत्पादन से घर से अधिकांश उपकरण चलाए जा सकते हैं। सोलर पैनल के प्रयोग से नागरिकों को जीवाश्म ईंधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, एवं ग्रिड की बिजली के बिल को वे सोलर पैनल के प्रयोग से कम कर सकते हैं।
1 Kw के सोलर पैनल से कितनी बिजली बनेगी, ऐसे करें पता
How Many Units of Energy Can Solar Panels Generate?
1 किलोवाट का सामान्य अर्थ होता है, 1000 वाट। इनके द्वारा निर्मित होने वाली बिजली कई कारकों पर निर्भर करती है। निम्नलिखित दी गई गणना विशिष्ट स्थिति में की जा सकती है:-
- 1 किलोवाट के सोलर पैनल यदि 1 घंटे उचित धूप प्राप्त करें तो वे 1 किलोवाट घंटा (kWh) बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। ऐसे में यदि प्रतिदिन औसतन धूप 5 घंटे सोलर पैनल को प्राप्त हो तो 1 KW x 5hr = 5 kWh।
- किसी सोलर पैनल में कुछ न कुछ पावर लॉस होता ही है, जिसे मानक रूप से 20% मान लिया गया है, अब 1 किलोवाट के सोलर पैनल द्वारा उत्पादित होने वाली बिजली 1 KW x 5hr x 80% = 4 kWh।
- 1 किलोवाट के सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को यूनिट में बताएं तो यह एक दिन में अनुकूल कारकों के होने पर 3 यूनिट से 5 यूनिट तक बिजली का उत्पादन करती है।
अतः इस से हम यह कह सकते हैं कि 1 kilowatt के Solar Panel द्वारा 1 दिन में 4 किलोवाट घंटा बिजली का उत्पादन किया जाता है। आदर्श रूप से 1 किलोवाट के सोलर पैनल साल में 1200 से 1600 किलोवाट बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। यह अनुमान 4-5 घंटे की अच्छी धूप प्राप्त होने पर किया जा सकता है।
सोलर पैनल की बिजली को प्रभावित करने वाले कारक
1 किलोवाट के सौर पैनल का द्वारा उत्पादित होने वाली बिजली निम्न कारकों के द्वारा प्रभावित होती है:-
- आपके द्वारा जिस स्थान पर सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं, उस क्षेत्र में सूर्य की रोशनी की मात्रा सबसे महत्वपूर्ण कारक है। यदि आपके सोलर पैनल में प्रकाश की किरणें सीधी पड़ती हो तो ऐसे में अधिक बिजली का उत्पादन हो सकता है।
- सोलर पैनल को स्थापित करने में कोण एवं अभिविन्यास जरूरी होते हैं, जिन सोलर पैनलों जिन्हें दक्षिण की ओर स्थापित किया जाता है, वे अक्षांश झुकाव कोण रखते हैं एवं पूरे दिन में अधिक सूर्य की रोशनी को प्राप्त करते हैं।
- सोलर पैनल की विद्युत उत्पादन क्षमता को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक मौसम है, गर्मियों से मौसम में जब अच्छी धूप होती है तो अधिक बिजली उत्पादन करते हैं, एवं बारिश या छोटे दिनों में ये कम बिजली उत्पादन करते हैं।
- सोलर पैनल की दक्षता भी यह निर्धारित करती है कि वे कितनी बिजली का उत्पादन करेंगे। आज के समय में अधिक रेटिंग के सोलर पैनल बाजारों में उपलब्ध हैं वे अपनी क्षमता के अनुकूल बिजली उत्पादित करते हैं।
- यदि सोलर प्लांट ऐसे स्थान पर स्थापित है जहां छाया का प्रभाव रहता है, ऐसे स्थानों में वे कम बिजली का उत्पादन करते हैं।
सोलर पैनल के लाभ को अधिकतम करना
यदि आप सोलर पैनल की क्षमता के अनुसार बिजली का उत्पादन करना चाहते हैं तो आप निम्न बिंदुओं पर ध्यान दें:
- सोलर पैनल को सही से एवं विशेषज्ञ की सहायता से स्थापित करें। पैनल पर न्यूनतम छायांकन हो, एवं उसे सही दिशा एवं कोण के साथ स्थापित किया जाना चाहिए।
- सोलर पैनल की दक्षता को उनके अनुसार प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल के रख-रखाव एवं साफ सफाई को नियमित रूप से करना चाहिए।
- सोलर पैनल से किए गए बिजली उत्पादन को संग्रहीत करने के लिए बैटरियों का प्रयोग करें।
- सोलर पैनल के प्रयोग से आप ग्रिड पावर की निर्भरता को कम कर सकते हैं, जिस से आपको बिजली बिल में छूट प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
उपर्युक्त आर्टिकल के द्वारा आप 1 किलोवाट सोलर पैनल कितनी यूनिट का उत्पादन करता है इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एवं 1 किलोवाट सोलर पैनल द्वारा उत्पादित बिजली को मानक मान कर अन्य क्षमताओं के सोलर पैनल की बिजली उत्पादन क्षमता को प्राप्त कर सकते हैं।
किसी भी सोलर पैनल द्वारा बनाई जाने वाली बिजली मौसम, दक्षता, स्थापना आदि जैसे कारकों पर सबसे अधिक निर्भर करती है। 12 महीने एक समान बिजली का उत्पादन नहीं हो सकता है, क्योंकि मौसम एवं सूर्य की स्थिति इसे प्रभावित करती है। सोलर पैनल पर किया गया निवेश नागरिकों को लंबे समय तक लाभ प्रदान करता हैं।