जैविक खेती करके किसान मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और सेहतमंद रह सकते हैं तो चलिए आपको बताते हैं कि कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए किस राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी मिल रही है-
जैविक खेती
जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही हैं। जिससे किसानों की आर्थिक मदद की जा सके। दो-तीन साल सिर्फ किसानों को सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी। उसके बाद उन्हें अच्छा खासा उत्पादन मिलेगा। जैविक खेती करके किसान मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं और इसमें बिना किसी केमिकल के जो अनाज मिलेगा वह सेहत के लिए फायदेमंद भी होगा। जैविक खेती से मिली पैदावार के किसानों को अच्छी कीमत भी मिलेगी।
इसीलिए सरकार वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए मदद कर रही है। इससे किसान सिर्फ सस्ते में खेती नहीं कर पाएंगे। बल्कि जैविक खाद बेचकर अच्छी खासी कमाई भी कर लेंगे। यानी कि इससे किसानों को कई फायदे हो रहा है एक तो खाद का खर्चा बच जाएगा। साथ ही खाद की बिक्री भी कर लेंगे।
गोवर्धन जैविक उर्वरक कार्यक्रम
गोवर्धन जैविक पुरस्कार कार्यक्रम के तहत राजस्थान सरकार किसानों को वर्मी कंपोस्ट बेड बनाने के लिए सब्सिडी दे रही है। यहां पर किसानों को 50% का अनुदान मिल रहा है जो कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जा रहा है। जिसमें किसानों को ₹10000 की आर्थिक मदद दी जाएगी। यहां पर ₹20000 का खर्चा आ सकता है। जिसमें आधा किसानों को खर्च करना पड़ेगा। बाकी का 50% सरकार देगी। राजस्थान सरकार का लक्ष्य के प्रदेश में करीब 18900 वर्मी कंपोस्ट इकाइयां लग जाए।
कैसे मिलेगा लाभ
अगर आप राजस्थान के किसान है और वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाने के लिए सरकार से सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं। तो इसके लिए राज्य किसान साथी पोर्टल या फिर अपने पास के ईमित्र केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जिनके पास खेती करने योग्य जमीन है और कम से कम पांच गोवंश भी है। बता दे कि गाय पालन के लिए भी सब्सिडी दी जाती है।