UP News : उत्तर प्रदेश टांडा बुनकरों की नगरी है। जिले का सबसे पुराना कस्बा है। इस पुराने नगर के विकास की रफ्तार बेहद मंद है। मंदी का कारण शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा है। उपेक्षा ने यात्री ट्रेन का परिचालन बंद करवा दिया था। इससे टांडा शहर का विकास थम गया है।
चार दशक बाद होगा शहर लेगा गति
यात्री ट्रेन के बंद हो जाने के चलते टांडा के शहर का विकास थम सा गया है। अगर 27 साल पहले अकबरपुर.टांडा यात्री गाड़ी का परिचालन अगर बंद न हुआ होता तो आज के टांडा शहर की तश्वीर अलग ही होती। ट्रेन चलने के दौरान तेजी से हुआ था विकासजब तक अकबरपुर टांडा यात्री ट्रेन चल रही थी तब तक टांडा शहर का विकास क्षेत्रफल नहीं बढ़ा है। 10 फरवरी 1993 को ट्रेन बंद होने के बाद टांडा शहर के साथ क्षेत्रफल में वृद्धि नहीं हुई है। लगभग चार दशक बाद एक बार फिर से अकबरपुर से टांडा रेलवे लाइन पर यात्री ट्रेन के दौड़ने की उम्मीद है। बुनकर बहुल क्षेत्र टांडा के लिए यात्री ट्रेन के संचालन के लिए सांसद लालजी वर्मा ने केंद्रीय रेलमंत्री को पत्र भेजा है।
जल्द ट्रेन चलने की उम्मीद
एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत जिले का कपड़ा उद्योग के लिए चयन किया गया है। दरअसल परिवहन बस या फिर निजी बस व अन्य वाहन से कपड़ा अकबरपुर तक ले जाने, इसके बाद उसे अन्य प्रांत तक बिक्री करने ले जाने से अधिक खर्च होता है। इससे लागत निकालना भी मुश्किल होता है। परिवहन की समुचित व्यवस्था न होने से ही पावरलूम एक-एक कर लगातार बंद हो रहे हैं। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टांडा से यात्री ट्रेन का संचालन अत्यंत जरूरी है। लगभग तीन दशक पहले टांडा से अकबरपुर के लिए संचालित यात्री ट्रेन का संचालन बंद हो गया है। लंबे समय से बुनकरों द्वारा यात्री ट्रेन का फिर संचालन किए जाने की मांग की जा रही है। इस बीच बीते दिनों ही सांसद लालजी वर्मा ने लोकसभा में न सिर्फ इसे लेकर आवाज उठाई, बल्कि रेलमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। सांसद के अनुसार केंद्रीय रेलमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक रवैया दिखाया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इसे लेकर सर्वे का काम भी शुरू हो जाएगा।