गेहूं की फसल में तेजी से विकास लाने के लिए फसल की देखरेख पर खास ध्यान देना होगा क्योकि गेहूं की फसल में समय पर खाद और सिंचाई करने के बाद भी गेहूं के कल्ले में वृद्धि नहीं हो रही है और फुटाव भी कम हो रहा है। इसके लिए देखरेख और सही मात्रा में खाद पानी देने पर ध्यान देना है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है की कौन सी खाद देनी चाहिए।
गेहूं की फसल की ऐसे करें देखरेख
Agriculture Tips– गेहूं की फसल में फुटाव और कल्लों के विकास के लिए पोषक तत्व बहुत जरुरी होते है। गेहूं की फसल में नाइट्रोजन और पोटैशियम की कमी नहीं होनी चाहिए क्योकि गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए नाइट्रोजन और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों की बहुत ज़रूरत होती है। गेहूं में सही उर्वरकों के साथ-साथ समय पर सही मात्रा में सिंचाई करने से कल्लों का फुटाव और बढ़वार को बढ़ाया जा सकता है लेकिन अधिक सिंचाई करने की वजह से पीलापन आता है जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। इसलिए गेहूं की फसल में सिंचाई, खाद, पोषक तत्व, मिट्टी की संरचना पर खास ध्यान रखना चाहिए।
कल्ले बढ़ाने के लिए बस डालें ये खाद
गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी कई बार गेहूं की फसल में पीलापन या फिर कल्ले का फुटाव कम होने की समस्या आ जाती है। जिससे पैदावार कम होने लगती है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए और पीलापन की समस्या को खत्म करने के लिए 125 ग्राम चिलेटेड जिंक को 120 लीटर पानी में घोलकर बनाकर एक एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा जिंक सल्फेट को यूरिया में मिलाकर एक एकड़ फसल में इस्तेमाल कर सकते है। इन दोनों में से कोई एक का छिडकाव करने से गेहूं की फसल में पीलापन की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है और फुटाव और कल्ले की दोगुना तेजी से बेशुमार वृद्धि होती है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।