मूंग में फल-फूल की दवा का प्रयोग करके आप उत्पादन बढ़ा सकते हैं | लेकिन मूंग की खेती में और भी बहुत सी बातों का ख्याल आपको रखना पड़ता है | इस लेख में जानेगें कैसे करें मूंग की खेती, फल-फूल की क्वालिटी को कैसे बेहतर बनाएं और कौन सी खाद का प्रयोग करें तो चलिए जानते हैं |
मूंग की खेती
मूंग की खेती में किसानों को कई फायदे हैं। मूंग की खेती करने से मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है, गणना यह कहती है कि मूंग की बुवाई अगर खेत में करते हैं तो 40 किलोग्राम नाइट्रोजन एक हेक्टेयर में मिलता है, यानी कि खेत की मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाएगी। मूंग की खेती गर्मियों में करते हैं तो ज्यादा कमाई होती है। मूंग की खेती में लागत भी कम हो जाती है तो चलिए इस लेख में मूंग की खेती से जुड़ी आने को जानकारी लेते हैं।
मूंग की खेती की जानकारी
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार मूंग की खेती के बारे में जाने-
- मूंग की खेती करने के लिए दोमट और बलुई मिट्टी का चयन करें। इसमें अच्छी उपज होगी।
- मूंग की खेती के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए पहले पलेवा करें और दो बार जोते।
- मूंग की खेती से बढ़िया उत्पादन लेने के लिए बढ़िया क्वालिटी का बीज भी चुने।
- बुवाई क्यारियों में करें। जिसमें दो कतारों के बीच की दूरी 30 से 45 सेंटीमीटर, दो पौधों के बीच को दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर रखें। बीजों को 4 सेंटीमीटर की गहराई में बोयें।
- बीज बोन से पहले बीजों का उपचार करें। बीज उपचार करने के लिए 3 ग्राम कैप्टान या 2 ग्राम कार्बेन्डोजिम 1 किलो बीज में मिलाकर करें।
- मूंग की खेती के समय की बात करें तो 15 जुलाई तक बेहतर होता है। बीजों की बुवाई मशीन से करना चाहते हैं तो जीरो टिलेज या सीड ड्रिल मशीन का चयन करें।
- मूंग की खेती जायद ऋतु में कर रहे हैं तो गहरा पलावा करके नमी वाली मिट्टी में बुवाई करें।
मूंग की खेती में कौन-सा खाद डालें
अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसानों को उर्वरक का इस्तेमाल करना पड़ता है। जिसमें किसानों के पास कई विकल्प है, जैसे रासायनिक और जैविक जैविक खाद। जैविक खाद किसानों के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन ज्यादातर किसान रासायनिक खाद का इस्तेमाल आज भी कर रहे हैं। मगर सरकार जैविक खाद पर सब्सिडी दे रही है। जिसमें मूंग की खेती की बात करें तो बीज बोने से पहले एक हेक्टेयर में 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम सल्फर के साथ डायअमोनियम फास्फेट खाद डालें। इससे फसल को पूरा पोषण मिलेगा।
जिसमें जड़ों के विकास के लिए जिंक का इस्तेमाल जरूर करें। इससे पैदावार ज्यादा होती है। यहां पर टेक्नोजेड खाद में जिंक ऑक्साइड 14% और सल्फर 67% होता है। जिसका किसान इस्तेमाल कर सकते हैं। यह अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। अगर मूंग के पौधों का विकास नहीं हो रहा है बढ़वार रुक गई है तो इसके लिए सल्फर का इस्तेमाल जरूर करें। इससे प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ती है। सल्फर की कमी से बढ़वार रुक जाती है। मूंग की फसल के लिए फोर्टिस खाद की जानकारी भी दी जाती है।
मूंग की फसल कितने दिन में तैयार होती है
मूंग की खेती में लगने वाले समय की बात करें तो बीजों की किस्म पर निर्भर करता है कि वह कितने दिन में तैयार होती है। जिसमें सामान्य तौर पर 70 से 72 दिन में मूंग पक कर तैयार हो जाती है। लेकिन कुछ ऐसी वैरायटी भी आ गई है, खेती का तरीका बदल गया है जिससे 52 दिनों में भी मूंग की फसल पक जाती है। आपको बता दे की स्टार 444 किस्म, मूंग की एक ऐसी वैरायटी है जो की 60 से 62 दिन में तैयार हो जाती है।
जवाहर मूंग किस्म लगाते हैं तो 70 से 75 दिन इसे पकने में लगता है। जनकल्याणी किस्म की मूंग 55 दिन में ही पक जाती है। इसके अलावा के 851 एच यू एम, पी डी एम, यह सब किस्म 60 से 75 दिन के बीच की है।
मूंग की फसल में कितने पानी देना चाहिए
मूंग की फसल में पानी का भी ध्यान रखना पड़ता है। पानी सही समय पर देने पर बढ़िया फसल तैयार होती है। जिसमें मूंग की फसल में पानी के समय की बात करें तो बुवाई के 20-25 दिन बाद किसान पहली सिंचाई करें और 12 से 15 दिन के अंतराल में सिंचाई मूंग की फसल के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन फसल जब पकने वाली हो उसके करीब 15 दिन पहले ही सिंचाई बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा अन्य फसलों की तरह मूंग की फसल में भी जब फूल खिलने वाले होते हैं या खिल जाते हैं उस समय सिंचाई नहीं करनी चाहिए। नहीं तो फूल गिरने लगते हैं।
साथ ही आपको बता दे की मूंग की फसल अगर ग्रीष्मकालीन की है तो 3 से 5 सिंचाई की आवश्यकता उसे पड़ती है। वर्षा ऋतु के समय मूंग की फसल को अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि वर्षा से ही सिंचाई हो जाती है।
मूंग की खेती में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि खेतों में पानी न भरे, पानी भरा होने से किसान को नुकसान हो सकता है। जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है वह किसान मूंग की खेती कर सकते हैं। क्योंकि यह फसल सूखा सहन करने में सक्षम होती है। गर्म जलवायु इसके लिए बेहतर होती है। इसलिए मूंग की खेती जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी में करने पर किसानों को फायदा ही रहता है।
मूंग में फल-फूल की दवा
मूंग की फसल में फूल की मात्रा बढ़ाने, फल की गुणवत्ता सुधारने उत्पादन अधिक लेने के लिए किसानों को कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। इसके आलावा कुछ दवा भी आती है जिससे मूंग की फसल में फल-फूल की वृद्धि होती है। जैसे कि पावर जेल एक ऐसी दवा है जिससे फल-फूल की वृद्धि हो सकती है। इसकी मात्रा की बात करें तो 25 ग्राम एक पंप में डालें। इसके आलावा NPK 00:52:34 भी अच्छा विकल्प है। इसकी मात्रा 75 ग्राम प्रति पंप है। वहीं जिब्रेलिक एसिड भी बेहतर है इसे 1 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़का जाता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।