Petrol Diesel Rate: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हमेशा से आम लोगों के लिए चर्चा का विषय रही हैं. हर किसी को उम्मीद रहती है कि तेल की कीमतों में कमी आएगी और उनके बजट पर पड़ने वाला बोझ कम होगा. 15 जनवरी 2025 के लिए तेल कंपनियों ने कीमतों को जारी कर दिया है, और इनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
महानगरों में पेट्रोल और डीजल के ताज़ा भाव
देश के प्रमुख महानगरों में 15 जनवरी को पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72, डीजल ₹87.62
- मुंबई: पेट्रोल ₹103.44, डीजल ₹89.97
- कोलकाता: पेट्रोल ₹103.94, डीजल ₹90.76
- चेन्नई: पेट्रोल ₹100.85, डीजल ₹92.44
- पटना: पेट्रोल ₹105.18, डीजल ₹92.04
इन कीमतों में अंतर (difference in fuel prices) का मुख्य कारण राज्यों में लगाए जाने वाले कर और परिवहन लागत है.
कीमतों में आखिरी बदलाव कब हुआ?
तेल कंपनियों ने आखिरी बार 14 मार्च 2024 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों (petrol and diesel price revision) में बदलाव किया था. उस समय प्रति लीटर 2 रुपये की कटौती की गई थी. तब से अब तक कीमतों में कोई बड़ी राहत नहीं मिली है, जिससे आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (fuel pricing mechanism) अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल के दाम, मुद्रा विनिमय दर, और राज्यों द्वारा लगाए गए करों के आधार पर तय होती हैं. हर दिन सुबह 6 बजे तेल कंपनियां इन कीमतों को अपडेट करती हैं.
घर बैठे कैसे चेक करें अपने शहर का भाव?
अपने शहर के पेट्रोल और डीजल की कीमतें (city-specific fuel prices) जानने के लिए आप बड़ी आसानी से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की वेबसाइट पर जा सकते हैं या SMS के जरिए भी यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
- इंडियन ऑयल: RSP लिखकर शहर का कोड जोड़ें और 9224992249 पर भेजें.
- BPCL: RSP लिखकर 9223112222 पर भेजें.
यह प्रक्रिया (online fuel price checking) उपभोक्ताओं को ताज़ा जानकारी तक आसानी से पहुंचने की सुविधा देती है.
पेट्रोल और डीजल की स्थिर कीमतों का असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का असर (impact of petrol and diesel prices) सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं है. यह परिवहन लागत, आवश्यक वस्तुओं के दाम और औद्योगिक खर्चों को भी प्रभावित करता है. कीमतें स्थिर रहने से एक ओर राहत मिलती है, लेकिन लंबे समय तक महंगी दरें बजट पर दबाव डालती हैं.
क्या हो सकती है भविष्य की रणनीति?
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और तेल कंपनियों को मिलकर ऐसा तंत्र (fuel price management system) तैयार करना चाहिए, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सके. इसके साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर जोर देना महंगाई को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.