राम मंदिर के पास फोर-लेन रिंग रोड विस्तार में किसानों का विरोध
अयोध्या में राम मंदिर के परिधि के भीतर फोरलेन रिंग रोड के विस्तार कार्य के लिए किये गए भूमि अधिग्रहण ने किसानों के बीच हलचल मचा दी है। राम मंदिर के परिधि में बनने वाली फोर लेन रिंग रोड विस्तारीकरण में सोहावल तहसील के 10 राजस्व गांव और चपेट में आ गए हैं।
राम मंदिर के पास फोर-लेन रिंग रोड विस्तार में किसानों का विरोध
यूपी में अयोध्या धाम में अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत किसानों की भूमि के लिए सर्किल रेट बढ़ाए बिना ही शासनादेश जारी किया गया है, जिससे प्रभावित किसानों में बेचैनी फैल गई है। भूमि अधिग्रहण के इस फैसले से जुड़ी 10 प्रमुख राजस्व गांवों में कटरौली, मंगलसी, जगनपुर, रसूलपुर, भिटौरा, चिर्रा, मूसेपुर, बिछिया मऊ, यदुवंशपुर, और सोफिया पारा शामिल हैं। इन गांवों के किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा दी गई कीमत उनकी भूमि की वास्तविक कीमत से काफी कम है, और यह भूमि की कीमत के मामले में धोखा है। इनसे जुड़े लगभग 200 किसानों की 18 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर शासनादेश जारी कर दिया गया है। बिना सर्किल रेट बढ़ाए अधिग्रहण की गई इस भूमि को लेकर प्रभावित होने वाले किसानों में हड़कंप मचा है।
इस बारे में बातचीत करते हुए प्रभावित किसान शमशाद, जुबेर खान, राम अंजोर, और गंगा राम ने बताया कि प्रशासन को इस भूमि अधिग्रहण की जानकारी पहले से ही थी, इसलिए सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया शासन से शुरू होने और पूरी होने के बावजूद जिला प्रशासन ने सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की। अब पुरानी दरों पर ही किसानों को उनकी भूमि की कीमत दी जाएगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। तहसीलदार सुमित सिंह ने बताया कि भूमि अधिग्रहण को लेकर गजट होने की जानकारी किसानों से ही मिली है। नया कोई निर्देश अभी नहीं आया है। जो आदेश मिलेगा उसी आधार पर काम किया जाएगा। बताया जाता है कि पार्किंग, रेस्तरां, पेट्रोल पंप, और अन्य सुविधाओं के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि में जो गांव जद में आ गए हैं। उनमें कटरौली, मंगलसी, जगनपुर, रसूलपुर, भिटौरा, चिर्रा , मूसेपुर, बिछिया मऊ, यदुवंशपुर, सोफिया पारा शामिल है। इनके किसानों में अपनी भूमि के मूल्य को लेकर बेचौनी देखने को मिल रही है।
भूमि अधिग्रहण पर बढ़ी बेचैनी
किसान बताते हैं कि गजट होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी इस पर कुछ भी स्पष्ट बताने को तैयार नहीं हैं। उन्हें डर है कि इस प्रक्रिया में उनका शोषण हो सकता है और उनकी भूमि की सही कीमत नहीं मिल पाएगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सोहावल तहसीलदार सुमित सिंह ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से जुड़े गजट की जानकारी किसानों से ही प्राप्त हुई है। तहसीलदार ने स्पष्ट किया कि फिलहाल प्रशासन को इस बारे में कोई नया निर्देश नहीं मिला है। जैसे ही आदेश प्राप्त होगा, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इसीलिए सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया शासन से शुरू होने और कवायद पूरी होने के बाद भी जिला प्रशासन ने सर्किल रेट बढ़ाने को मंजूरी नहीं दी। अब पुराने रेट से ही फिर किसानों को उनकी भूमि की कीमत मिलेगी। यह किसानों के साथ धोखा है। गजट होने के बावजूद कोई अधिकारी कुछ बताने को तैयार नहीं है। किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत की भूमि का उचित मूल्य उन्हें नहीं मिल रहा है। रिंग रोड के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि के अधिग्रहण के दौरान यह गलत प्रक्रिया और असंतोषजनक कदम किसानों के लिए बड़े संकट का कारण बन रहा है। कई किसान भूमि अधिग्रहण विभाग और राजस्व विभाग के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।