Public Holidays: उत्तराखंड राज्य में इस महीने 23 जनवरी से शराब की दुकानों के बंद रहने का फैसला लिया गया है. प्रदेश के नगर निकाय क्षेत्रों में इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है और इसके साथ ही शराब की दुकानों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है. यह आदेश 23 जनवरी को शाम पांच बजे तक लागू रहेगा. 24 जनवरी को भी शराब की दुकानें खुली रहेंगी लेकिन 25 और 26 जनवरी को मतगणना और गणतंत्र दिवस के चलते शराब की दुकानों के बंद रहने की संभावना है.
23 जनवरी को शराब की दुकानें क्यों रहेंगी बंद?
23 जनवरी को उत्तराखंड के नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान होगा जिसकी वजह से शराब की दुकानें बंद रहेंगी. चुनाव के दिन (voting day in Uttarakhand) और मतदान से एक दिन पहले यानी 22 जनवरी को भी शराब की दुकानें बंद रहेंगी. इस बंद का मुख्य उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को प्रभावित होने से बचाना और एक शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करना है. सभी मतदान केंद्रों के पास शराब की दुकानों के बंद रहने से कोई भी अप्रिय स्थिति पैदा नहीं होगी.
25 और 26 जनवरी को शराब की दुकानें क्यों बंद रहेंगी?
इसके अलावा, 25 जनवरी को उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव की मतगणना (vote counting) होनी है, और इस दिन भी शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी. इस दिन शराब की बिक्री पर रोक लगाकर सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मतगणना के दौरान कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो. इसके बाद, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर भी शराब की दुकानों के बंद रहने का आदेश है. गणतंत्र दिवस (Republic Day celebrations) पर सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ होती है, और सरकार ने सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया है.
जनवरी के आखिरी हफ्ते में कुल चार दिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी
इस महीने के आखिरी हफ्ते में यानी 23 से 26 जनवरी तक, कुल चार दिन शराब की दुकानें बंद रहेंगी. इन चार दिनों में 23 जनवरी को मतदान, 25 जनवरी को मतगणना, और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर शराब की दुकानें बंद रहेंगी. यह फैसला राज्य के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेशों के तहत लिया गया है. इस बंद से राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि चुनावी प्रक्रिया और गणतंत्र दिवस के आयोजनों में कोई विघ्न न आए.
शराब की दुकानों के बंद होने से जनता पर क्या असर पड़ेगा?
इस कदम से जनता को कुछ असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है, खासकर वे लोग जो शराब खरीदने के इच्छुक हैं. हालांकि, राज्य सरकार का यह निर्णय जनता की भलाई और चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए लिया गया है. शराब की दुकानों के बंद रहने से सार्वजनिक स्थल और मतदान केंद्रों के पास अनुशासन बना रहेगा और कोई भी अव्यवस्था नहीं होगी.
मतदान के दिन शराब की दुकानें क्यों बंद रहती हैं?
मतदान के दिन शराब की दुकानों को बंद रखने का उद्देश्य शांतिपूर्ण मतदान (peaceful voting process) सुनिश्चित करना है. शराब के प्रभाव में आकर मतदान करना, चुनावी प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकता है. इसके अलावा, चुनाव में किसी भी प्रकार के अनाचार या हिंसा से बचने के लिए यह कदम उठाया जाता है. शराब की दुकानें बंद रखने से मतदान केंद्रों के पास सुरक्षा बनाए रखना आसान हो जाता है और मतदाता सही तरीके से अपने वोट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
शराब की दुकानों के लिए सरकारी आदेश
उत्तराखंड के जिलाधिकारी ने शराब की दुकानों के बंद होने के संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. इन आदेशों के तहत, 23 जनवरी को मतदान के बाद शाम पांच बजे तक और 25 और 26 जनवरी को शराब की दुकानें बंद रहेंगी. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि इस दौरान सरकारी प्रतिष्ठान, निजी स्कूलों और कॉलेजों में भी छुट्टी होगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़े नहीं और लोग अपने मतदान के अधिकार का सही तरीके से उपयोग करें.
शराब की दुकानें खोलने का समय
23 जनवरी को शराब की दुकानें मतदान खत्म होने के बाद यानी शाम पांच बजे के बाद खोली जाएंगी. शराब की दुकानें फिर से अपनी सामान्य समय पर खुलेंगी, ताकि लोग अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर सकें. हालांकि, 25 और 26 जनवरी को यह दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी, जैसा कि पहले ही बताया गया है.
उत्तराखंड में चुनाव और गणतंत्र दिवस के दौरान शराब पर नियंत्रण
उत्तराखंड राज्य में चुनाव और गणतंत्र दिवस के अवसर पर शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाना सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है. चुनावी समय में खासकर यह कदम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. यह कदम केवल चुनाव प्रक्रिया और गणतंत्र दिवस के समारोहों को प्रभावित होने से बचाने के लिए उठाया गया है.