आठवें वेतन आयोग के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी होने जा रही है। इसमें फिटमेंट फैक्टर को 2.86 से बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में भारी इजाफा होगा। इसके अलावा, महंगाई भत्ते (DA) और पेंशन में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। इस बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में बहुत बड़ी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पिछले कुछ समय से सरकारी कर्मचारी इस वेतन आयोग की मांग कर रहे थे। इस आयोग के लागू होने से उनकी सैलरी में जबरदस्त वृद्धि होगी, लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरी सैलरी में कितना इजाफा होगा। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
आठवें वेतन आयोग का ऐलान और कर्मचारियों की खुशी
मोदी सरकार की अध्यक्षता में आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिल चुकी है। यह निर्णय केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक राहत की खबर है। हर कुछ सालों में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग लागू किया जाता है, और इसके साथ ही फिटमेंट फैक्टर को भी संशोधित किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर का उद्देश्य कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा बदलाव लाना होता है। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्ते मिल रहे हैं।
फिटमेंट फैक्टर पर आधारित वेतन वृद्धि
फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर होता है। फिलहाल, सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जबकि आठवें वेतन आयोग के तहत यह 1.92 से लेकर 2.08 तक रह सकता है। इसका मतलब यह है कि सैलरी में लगभग 108 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर और महंगाई भत्ते (DA) को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि फरवरी में पेश होने वाले आम बजट में सरकार इस विषय पर बड़ा ऐलान कर सकती है।
कब बनेगा आठवां वेतन आयोग और क्या है इसका उद्देश्य?
आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जनवरी 2025 को की थी। उन्होंने कहा कि यह वेतन आयोग सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए गठित किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सातवें वेतन आयोग की समय सीमा 2026 में समाप्त हो रही है, और इसलिए आठवें वेतन आयोग का गठन इस साल हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की जीवनशैली में सुधार करना और बढ़ती महंगाई के दौर में उन्हें सहारा देना है।
फिटमेंट फैक्टर और कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि
जब भी नया वेतन आयोग आता है, तो फिटमेंट फैक्टर को अपडेट किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन पर पड़ता है। यदि 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.08 तय होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 37,440 रुपये हो जाएगी। वहीं, पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 18,720 रुपये हो सकती है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जाता है, तो कर्मचारियों की सैलरी में 186 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके बाद बेसिक सैलरी 51,480 रुपये और पेंशन 25,740 रुपये तक बढ़ सकती है।
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर
फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि का मतलब है कि कर्मचारियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी होगी, जिससे उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। इसके साथ ही महंगाई भत्ता (DA) में भी बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से राहत देने में मदद करेगी।
बजट 2025 में आठवें वेतन आयोग से जुड़े ऐलान की संभावना
1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट पेश किया जाएगा। इस बजट में आठवें वेतन आयोग को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। माना जा रहा है कि बजट में सरकार नए वेतन आयोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर सकती है। इसमें सैलरी स्ट्रक्चर, फिटमेंट फैक्टर और सरकारी कर्मचारियों के लिए अन्य लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा सकती है।
सरकारी कर्मचारियों को मिल रही यह वेतन बढ़ोतरी उनके लिए एक अहम राहत होगी, खासतौर पर महंगाई के इस दौर में। सरकार की ओर से इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की जीवनशैली में सुधार लाना और उनके लिए एक स्थिर वित्तीय स्थिति सुनिश्चित करना है।