न्यू नोएडा शहर को बसाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत 209.11 वर्ग किलोमीटर में नए शहर का विकास होगा। बुलंदशहर और दादरी तक नया शहर बसेगा। नए शहर के 8420.92 हेक्टेयर में इंडस्ट्री को बसाया जाएगा। नए शहर में 6 लाख लोग रह सकेंगे। पहले फेज में 3 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
न्यू नोएडा को योगी सरकार की हरी झंडी
उत्तर प्रदेश के नोएडा को विकसित करने की मंजूरी दे दी गई है। नोएडा अथॉरिटी का मास्टर प्लान 2041 सरकार से मंजूर हो गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार की हरी झंडी के बाद न्यू नोएडा सिटी को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया को शुरू कराया जाएगा। नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड बैठक में इसको मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। 2021 मास्टर प्लान में आवासीय क्षेत्र के लिए सबसे अधिक 22.45 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई थी। 2041 मास्टर प्लान में आवासीय क्षेत्र के लिए 17.4 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई है। वहीं उद्योग के लिए 25.4 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई है। 2021 में परिवहन के लिए 15.61 प्रतिशत, कामर्शियल के लिए 4.92 व इंस्टीट्यूशनल के लिए 15.3 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई थी। प्राधिकरण ने 213 वीं बोर्ड में करीब 1 हजार करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण के रिजर्व किए हुए है। इनका पूरे वित्त वर्ष में उपयोग नहीं हो सका। ये पैसा यहां पहले फेज में जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व किया गया है। अधिग्रहण आबादी नियमावली 2013 यानी आपसी सहमति के आधार पर या लैंड पूल के जरिए की जाएगी। इसके लिए शासन से गाइड लाइन जारी की जाएगी। ग्रेटर नोएडा फेज-दो में 140 नए गांव जुड़ने से कुल गांवों की संख्या 257 हो जाएगी। फेज-दो में गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद के 140 गांव शामिल किए गए हैं। 2041 तक ग्रेटर नोएडा की जनसंख्या 40 लाख होने का अनुमान है। इस आंकड़े को ध्यान में रखकर शहर को विकसित किया जाएगा।
शहर का दायरा, योजना जानिए
मास्टर प्लान 2041 के अनुसार नए नोएडा को विकसित करने के लिए दादरी व बुलंदशहर के 84 गांवों को इसमें शामिल किया जाएगा। नए प्लान के तहत दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन न्यू नोएडा को शासन से मंजूरी मिलने के बाद इसको विकसित करने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 को स्वीकृति मिल गई है। लंबे समय से इसकी स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा था। नोएडा और यमुना प्राधिकरण के 2041 मास्टर प्लान की स्वीकृति के बाद ग्रेटर नोएडा के 2041 मास्टर प्लान को अब स्वीकृति मिल गई है। इस मास्टर प्लान में उद्योग व कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेट्रो, ट्रेन और आसपास से गुजर रहे एक्सप्रेसवे से बेहतर कनेक्टिविटी देने का काम किया जाएगा। दूसरे स्थान पर आवासीय के लिए 17.40 प्रतिशत और तीसरे नंबर पर परिवहन के लिए 13.40 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई है। नए मास्टर प्लान के बाद ग्रेटर नोएडा का क्षेत्रफल 22,255.01 से बढ़कर 55,970.23 हेक्टेयर हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा मास्टर प्लान 2041 यानी ग्रेटर नोएडा फेज-दो को 33715.22 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। 2021 मास्टर प्लान में जहां आवासीय को सबसे अधिक भूमि आरक्षित हुई थी। इस बार औद्योगिक विकास के लिए सबसे अधिक 25.4 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई है। औद्योगिक क्षेत्र बढ़ाने का उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देने के साथ ही राजस्व को भी बढ़ाना है। उद्योग में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा आइटी व आइटीईएस के लिए भी अन्य के मुकाबले अधिक जमीन आरक्षित की जाएगाी।
स्पोर्ट्स सिटी, बहुउद्देशीय मैदान होंगे विकसित
हरित क्षेत्र में इंस्टीट्यूशनल ग्रीन यानी वह संस्थान जहां हरित क्षेत्र अधिक होगा उदाहरण के तौर पर गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय। इसके अलावा स्पोर्ट्स सिटी, पार्क, बहुउद्देशीय मैदान, सार्वजनिक पार्क, खेल मैदान, हरित पट्टी, रिजर्व फारेस्ट को शामिल हैं।
हापुड़ के 20 गांव हटाए
फेज-दो में 140 गांवों को शामिल किया गया है। 2021 मास्टर प्लान में 117 गांवों को शामिल किया गया था। 2041 मास्टर प्लान से हापुड़ जिले के 20 गांवों को हटा दिया गया है।
ये है मास्टर प्लान-2041
उद्योग रू 14192.10 हेक्टेयर, 25.4 प्रतिशत
आवासीय रू 9736.74 हेक्टेयर, 17.4 प्रतिशत
आबादी रू 3912.33 हेक्टेयर, 7 प्रतिशत
कामर्शियल रू 2673.17, 4.8 प्रतिशत
मिक्स यूज हास्पिटेलिटी रू 776.96, 1.4 प्रतिशत
मिक्स यूज इंडस्ट्री रू 746.68, 1.3 प्रतिशत
हरित क्षेत्र रू 7908.60, 15.8 प्रतिशत
वन्य क्षेत्र रू 1073.96, 2 प्रतिशत
इंस्टीट्यूशनल ग्रीन रू 1420.22, 2.5 प्रतिशत
इंस्टीट्यूशनल रू 5812.97, 10.4 प्रतिशत
परिवहन (मल्टी मॉडल लाजिस्टिक हब व मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब) रू 7380.56 हेक्टेयर, 13.2 प्रतिशत
आइआइटीजीएनएल रू 335.96, 0.63 प्रतिशत