Wheat Price Update : वर्तमान समय में गेहूं की उपलब्धता कम देखने को मिल रहा है। जिससे इसके दाम में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ ही समय में गेहूं की कीमतों में 50% से अधिक की जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिले हैं। बता दें कि अगर यह बढ़ोतरी इसी तरह जारी रहा तो महंगाई को काबू करना और भी कठिन हो जाएगा।
क्योंकि इस समय मार्केट में गेहूं की मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन बना हुआ है। जिसके कारण यह समस्या बढ़ रहे हैं। वही इस समय हर कोई व्यक्ति गेहूं के आगामी समय में भाव को लेकर चिंतित है। आईए जानते हैं गेहूं के आगे क्या भाव रहने वाले हैं।
Wheat Price Update : गेहूं की कीमतों में इस तरह जारी है बढ़ोतरी
बता दे की हाल ही में गेहूं की कीमतों में जो बढ़ोतरी देखने को मिल रहे हैं। वह पिछले सप्ताह की तुलना में काफी ज्यादा है वही इस समय पर मुख्य राज्यों की मंडीयों में गेहूं की कीमत 3110 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। जो पिछले महीने की तुलना में करीब 4% अधिक है कि पिछले दो महीना से तो गेहूं के रेट में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी देखने को मिल रहे हैं। वहीं पिछले तीन वर्षों की तुलना में तो यह 50% से भी अधिक है।
वही वर्तमान समय में गेहूं की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल से करीब 30% ऊपर पहुंच चुके हैं। वही विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले कुछ हफ्तों गेहूं के कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकते है। जिससे उपभोक्ताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बता दे कि मार्च या अप्रैल में नई गेहूं की आवक पर ही रेट कुछ डाउन होने की उम्मीद है।
Wheat Price Update : केंद्रीय खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की कीमतों में इस वर्ष में आई है अधिक तेजी
बता दे कि केंद्रीय खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की कीमतों में इस वर्ष में अधिक तेजी देखने को मिले हैं। वहीं पिछले सप्ताह के मुकाबले इसमें ₹20 प्रति क्विंटल का और बढ़ोतरी देखने को मिले हैं। वहीं फिलहाल गेहूं की कीमत 3110 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं।
जो एक वर्ष पहले की कीमतों से लगभग 18% अधिक है वहीं गेहूं की ताजा कीमत आम उपभोक्ताओं के बजट को प्रभावित करने लगे हैं। बता दे की 3 वर्ष पहले के मुकाबले गेहूं की कीमत आप 50% से भी अधिक बढ़ चुके हैं। वही इस बढ़ोतरी ने बाजार में गेहूं की महंगाई को और बढ़ा दिए हैं।
गेहूं बुवाई और एमएसपी वृद्धि का आंकड़ा जानिए नीचे की लेख में
बता दे कि रवि सीजन 2024 से 2025 में किसानों ने गेहूं की खेती में पिछले वर्ष की तुलना में 2% अधिक क्षेत्र में बुवाई किए हैं। जो लगभग 325 लाख हेक्टेयर है। वहीं सामान्य बुवाई से करीब 8 लाख हेकटेयर अधिक जमीन पर गेहूं उगाए गए हैं। वहीं अब बुवाई की प्रक्रिया लगभग पूरे हो चुके हैं।
क्योंकि तापमान बढ़ने से पौधे झुलसने का खतरा है। वहीं गेहूं की अधिक बुवाई के कारण, सरकार ने एमएसपी में ₹150 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 24 से 25 रुपए प्रति क्विंटल तय किए हैं।जिससे किसानों को लाभ होंगे।
क्या कहना है विशेषज्ञों का, जानिए नीचे की लेख में
आपको बता दें की मंडी एवं बाजार भाव विशेश्याओं के अनुसार गेहूं के कीमतों में वृद्धि का कारण ऑफ़ सीजन है। वही किसान अपने स्टॉक को अगली कटाई तक बाजार में नहीं भेजना चाहते हैं। जिससे आपूर्ति में कमी हो रहे हैं
वहीं खाद्य सामान निर्माता कंपनियों ने गेहूं की अधिक खरीद किए हैं। जिससे मांग और बढ़ गए हैं। वहीं सरकार द्वारा स्टॉक सीमा लागू करने से पहले तक ट्रेडर्स के पास भी काम स्टॉक बचे थे। इसके अलावा, एमसीआई ने सरकारी भंडार से गेहूं की आपूर्ति में देरी की है। जिससे बाजार में और कमी आए हैं।
गेहूं की कीमतों में राहत की उम्मीद
बता दे कि केंद्र ने एमसीआई के माध्यम से लगभग 17 लाख मिट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति ई-नीलामी के जरिए शुरू किए गए हैं। लेकिन प्रक्रिया धीमी होने से बाजार में रहता कम मिले रहे हैं। वहीं गेहूं की आपूर्ति तेजी से नहीं हो पा रहे हैं
बता दे की विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक पूरी यानी लगभग 27 लाख मिट्रिक टन आपूर्ति बाजार में नहीं पहुंचेंगे। तब तक कीमतों में राहत की उम्मीद कम है। वही इस स्थिति में अप्रैल तक गेहूं के कीमतों पर दबाव बना रह सकता है और कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकते हैं।
