Income Tax : अगर आप भी अपने होने वाली कमाई पर टैक्स भरते हैं तो आप सभी लोगों के लिए यह खबर बहुत ही काम का होने वाला है। ऐसे में आप सभी यह खबर को अंत तक जरूर पढ़ते रहें ताकि आपको इस खबर में बतलाए गए सभी जानकारी विस्तार से पता चल सके।
Income Tax : नए इनकम टैक्स कानून में आपकी सैलरी पर कैसे लगेगा टैक्स, जानिए नीचे की लेख में
अगर आप भी अपने होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स भरते हैं तो आप सभी लोगों के लिए यह खबर बहुत ही काम का होने वाला है। क्योंकि दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बतलाने जा रहे हैं कि आखिर नए इनकम टैक्स कानून में आपकी सैलरी पर कैसे टैक्स लगेगा। वही ध्यान दें कि बिल में मौजूद कर स्लैब या दरों में कोई बदलाव का प्रस्ताव नहीं है। आईए और जानते हैं पूरी जानकारी नीचे की लेख में विस्तार से।
Income Tax : नए इनकम टैक्स कानून लागू करने का उद्देश्य क्या है, जानिए नीचे की लेख में
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने नया इनकम टैक्स बिल पेश किए हैं। वही जिसका उद्देश्य आई पर लगने वाले टैक्स को सरल बनाना है। वही यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की उम्मीद जताए जा रहे हैं। वही यह नया बिल मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 को सरल बनाते हैं। जिसमें पन्नों की संख्या 823 से घटाकर 622 कर दिए गए हैं जबकि टैक्स स्लैब और डेयर अपवर्तित रहते हैं। वहीं बिल स्पष्ट करता है कि कर उद्देश्यों के लिए वेतन का गठन क्या होता है।
व्हाट आर यू बिल वेतन को नियोक्ता से प्राप्त किसी भी आए के रूप में परिभाषित करते हैं। वहीं इसमें शामिल है चावलों वर्ष का वेतन (भुगतान किया गया हो या नहीं), अग्रिम में दिया गया वेतन और पिछले वेतन का बकाया।
प्रस्तावित बिल के तहत वेतन के रूप में वर्गीकृत आय का विवरण
- वार्षिकी या पेंशन
- ग्रेच्युटी
- शुल्क या कमिशन
- अनुलाभ
- वेतन के बदले में या वेतन के अतिरिक्त फायदे
- अग्रिम वेतन
- छुट्टी नगदीकरण
- टैक्स- मुक्त सीमा से अधिक भविष्य निधि योगदान
- कर्मचारी पेंशन योजनाओं में सरकार या नियोक्ता का योगदान
- अग्निवीर कोष में केंद्र सरकार का योगदान
अब नहीं लगेगा टैक्स
आपको बता दें कि नया बिल एडवांस सैलेरी पर दोबारा टैक्स लगाने से बचते हैं। जिस पर पहले की ही टैक्स लग चुके हैं वही भागीदारों द्वारा फर्मों से प्राप्त भुगतानों को वेतन के रूप में वर्गीकृत नहीं करते हैं। वही यह बिल टैक्स गणना के लिए वेतन और इसकी संरचना को सरल बनते हैं लेकिन मौजूदा टैक्स स्लैब और दरों में कोई बदलाव नहीं करते हैं। वहीं इसका मतलब यह हुआ कि आपका वेतन पर मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए लागू दरो के अनुसार टैक्स लगता रहेगा।
स्लैब में कोई बदलाव नहीं
आपको ध्यान देने वाला बात यह है कि बिल में मौजूद कर स्लैब या दरों में कोई बदलाव का प्रस्ताव नहीं है। इसीलिए एक वित्तीय वर्ष के लिए आपकी वेतन आय पर वर्तमान स्लैब और उसे वर्ष के लिए लागू दलों के अनुसार कर लगाए जाते रहेंगे।