विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी है। नए राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए आगामी बजट की भी घोषणा की जा सकती है। इस क्रम में उच्च शिक्षा विभाग ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी जनपदों के बड़े महाविद्यालयों की सूची तलब की है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी परिक्षेत्र के दस जिलों में बड़े कालेजों का नाम भेज दिया है। इसमें बनारस में यूपी कालेज का भी नाम शामिल है।
एजुकेशन हब बनेगा प्रदेश
योगी ने कहा कि प्रदेश के छात्रों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेंगे। योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को शैक्षिक उत्कृष्टता का केंद्र बनाने के साथ-साथ स्थानीय और वैश्विक स्तर पर रोजगार और शोध के अवसरों को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल नए विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं है, बल्कि, राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में उच्च शिक्षा को सुलभ और उन्नत बनाने के लिए उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय में संशोधन किया गया है। इसके तहत इन विश्वविद्यालयों की स्थापना से न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
शासन सूबे के सभी जनपदों में विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी है। नए राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए आगामी बजट की भी घोषणा की जा सकती है। इस क्रम में उच्च शिक्षा विभाग ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी जनपदों के बड़े महाविद्यालयों की सूची तलब की है। इसके अलावा चंदौली के लाल बहादर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय भदोही के काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सोनभद्र के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय-ओबरा, मऊ के डीसीएसकेे कालेज गाजीपुर के स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अलावा बलिया के मुरली मनोहर टाउन डिग्री कालेज, आजमगढ़ के शिबली कालेज, जौनपुर के तिलकधारी महाविद्यालय, मीरजापुर के केबीपीजी कालेज का भी नाम भेजा गया है। जबकि वाराणसी, जौनपुर, बलिया, आजमगढ़ व मीरजापुर में पहले से ही राज्य विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय खुलने की संभावना
योगी ने कहा कि अभी तक उत्तर प्रदेश में ही रजिस्टर्ड संस्थाएं विश्वविद्यालय स्थापित कर सकती थी, परंतु अब इस नए संशोधन विधेयक द्वारा किसी भी अन्य राज्य में रजिस्टर्ड संस्थाएं, कंपनी, ट्रस्ट जिनका ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा हो, उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए अर्ह होंगे। यदि यूजीसी द्वारा विदेशी विश्वविद्यालय जिनको उत्तर प्रदेश द्वारा मान्यता दी जाती है तो ऐसी संस्थाएं भी उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालय स्थापित कर सकेगी। शासन की मंशा हर जिलों में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की है ताकि वहां के महाविद्यालयों को उससे संबद्ध किया जा सके। इससे विद्यार्थियों को दूसरे जिलों की दौड़ नहीं लगानी होगी। बहरहाल क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा ने उच्च शिक्षा निदेशक डा. एसकेएस पांडेय पूर्वांचल के दस बड़े कालेजों की सूची भेज दी है। इसमें वाराणसी में यूपी कालेज का भी नाम है। नए विश्वविद्यालय का कार्य कॉलेजों से शुरू किया जा सकता है।
वर्तमान में मीरजापुर में मां विंध्याचल राज्य विश्वविद्यालय का संचालन राजकीय महाविद्यालय (उमरिया, मोहनपुर पहाड़ी) किया जा रहा है। इसी तर्ज पर विश्वविद्यालय का कैंपस बनने तक किसी बड़े कालेज में अस्थायी रूप से कार्यालय बनाया जा सकता है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी परिक्षेत्र के दस जिलों में बड़े कालेजों का नाम भेज दिया है। इसमें बनारस में यूपी कालेज का भी नाम शामिल है। वहीं वाराणसी सहित पूर्वांचल के पांच जिलों में पहले से ही राज्य विश्वविद्यालय मौजूद हैं। ऐसे में नए सत्र से चंदौली, भदोही, सोनभद्र, गाजीपुर व मऊ में भी राज्य विश्वविद्यालय खुलने की संभावना जताई जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि सीएम योगी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा क्षेत्र में यह सुधार राज्य की छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा। नए विश्वविद्यालयों और विदेशी परिसरों के माध्यम से छात्रों को उनके गृह राज्य में ही विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। विदेशी विश्वविद्यालय के आने से प्रदेश के छात्रों को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें उच्च स्तरीय शिक्षा अपने प्रदेश में ही सस्ती और सहज मिलेगी।
पांच जिलों में राज्य विवि के नाम इस प्रकार है।
वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
जौनपुर में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय
बलिया में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय
आजमगढ़ में महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय
मीरजापुर में मां विंध्याचल राज्य विश्वविद्यालय