यूपी के सभी निकायों में एकजुटता के साथ विशेष स्वच्छता अभियान की शुरुआत हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के नगरों को वैश्विक नगरों की श्रेणी में स्थापित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन नगरीय उत्तर प्रदेश द्वारा सभी निकायों में नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान‘‘ 2 चलाने के सरकार तात्पर है। इस दौरान स्वच्छता ही सेवा, विभिन्न श्रेणियां जैसे कि स्वच्छ स्कूल, स्वच्छ घर, स्वच्छ फूड स्ट्रीट, कल्चरर फेस्ट आदि जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
प्रदेश के नगरों और कस्बों में होगी नॉन-स्टॉप सफाई
सफाई मित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन कर समस्त सफाई मित्रों की स्वास्थ्य जांच, सफाई उपकरण, सुरक्षा किट वितरण तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की पहचान को स्वच्छ प्रदेश के तौर पर स्थापित करने के लिए प्रयासरत योगी सरकार प्रयासरत है। विद्यालयों के बच्चों और शिक्षकों के साथ समुदाय के लोग भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे। इसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है। विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां शुरू होंगी। निर्धारित कार्यक्रमों और गतिविधियों को अवकाश पड़ने की स्थिति में अगले दिन होने वाले कार्यक्रमों के साथ संपन्न कराया जाएगा।
इसी दौरान नौतनवा ब्लाक के रतनपुर रोहिन नदी में बैराज निर्माण के साथ साथ नहर की साफ-सफाई शुरू हो गई है। बैराज निर्माण में बियरिंग कोट व कुछ काम मात्र रह गया है। चार माइनर व एक रजवाहा मिलाकर कुल 45 किमी नहर की सफाई होनी है। जिसके लिए पोकलेन मशीनें लगा दी गई हैं। बैराज से 100 मीटर रोहिन नहर में पानी के प्रेशर के लिए लाइनिंग बनेगी। बैराज निर्माण व नहर की सफाई के बाद पानी आना शुरू हो जाएगा। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोहिन नदी में डिजिटल बैराज निर्माण के लिए 148 करोड़ की वित्तीय मंजूरी दी। नाबार्ड ने मुख्यमंत्री की सिफारिश पर 148 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी। बैराज निर्माण के लिए रायल इन्फ्रा इन्सट्रू लिमिटेड कम्पनी को 25 मार्च 2024 तक बैराज निर्माण का समय मिला। हालांकि निर्धारित समय तक बैराज निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ। रायल इन्फ्रा कम्पनी ने वर्ष 2022 से बैराज निर्माण के कार्य मे तेजी दिखाया। लगभग 90 प्रतिशत कार्य इस समय पूर्ण हो चुका है। बियरिंग कोट व कुछ काम सिर्फ बाकी रह गया है।
सफाई के लिए शासन ने मंजूर किये इतने करोड़ रुपये
जिले के किसानों को फसल की सिंचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। लाखों किसानों को सिंचाई के लिए छोटी व बड़ी नहरों व माइनरों से पानी मिलने में दिक्कत नहीं होगी। सिल्ट ज्यादा होने की वजह से टेल तक माइनरों व रजबहों की सफाई कराई जाएगी। नहरों की सफाई के लिए शासन ने करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। सिंचाई विभाग नहरों का सर्वे करा रहा है। इसके बाद सफाई कार्य शुरू कराया जाएगा। बता दें जिले में सिचाई विभाग के क्षेत्र में 118 माइनर व 12 रजबहे हैं। इन नहरों व रजबहों से लाखों किसान फसलों की सिंचाई करते हैं। इस बार नहरों की सफाई के लिए करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति मिली है।
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सर्वे में उन नहरों की पहचान की जाएगी जिनमें सफाई कराने की जरूरत ज्यादा हैं। बाकी कुछ नहरे व माइनर अभी गीली है। जिनकी सूखने के बाद सफाई होगी। किसानों को दिसम्बर के महीने में ही पानी खेतों की सिचाई के लिए मिल सकेगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। 15 नवम्बर के बाद से माइनरों व रजबहों की साफ सफाई का काम शुरू जायेगा। बैराज निर्माण का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। चार माइनर व एक रजवाहा मिलाकर कुल 45 किमी नहर की सफाई का कार्य शुरू हो गया है। बैराज से निकली नहर में पानी के प्रेशर को कन्ट्रोल करने के लिए 100 मीटर नीचे व दोनों तरफ लाइनिंग कराया जाएगा। जल्द ही बैराज निर्माण व नहर की सफाई का कार्य पूर्ण होगा।