MP News: भोपाल यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे के पीथमपुर स्थित निपटान को लेकर मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट पेश की। इसमें यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान की योजना बताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कचरे को 3 चरणों में नष्ट किया जाएगा। इसका पहला ट्रायल 27 फरवरी को होगा।
मंगलवार (18 फरवरी) को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष अपनी अनुपालन रिपोर्ट पेश की। सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने पक्ष रखा। प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि सरकार यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान की प्रक्रिया 3 चरणों में करेगी।
जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होगी अनुपालन रिपोर्ट पेश करते हुए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि फिलहाल सरकार ने अफवाहों को दूर करने के लिए जरूरी जागरूकता अभियान पूरा कर लिया है और अब अलग-अलग चरणों में जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होगी। हर घंटे 270 किलो जहरीला कचरा नष्ट किया जाएगा
प्रशांत सिंह ने बताया, “सबसे पहले 30 मीट्रिक टन कचरे को नष्ट करने का ट्रायल किया जाएगा, जिसकी तारीख 28 फरवरी तय की गई है।” अदालती कार्यवाही खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पहले ट्रायल में हर घंटे 135 किलो कचरा नष्ट किया जाएगा। दूसरे ट्रायल में हर घंटे 180 किलो जहरीला कचरा और तीसरे ट्रायल में हर घंटे 270 किलो जहरीला कचरा नष्ट किया जाएगा।”
अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी
पहला चरण 27 फरवरी से शुरू होगा। सरकार ने हाईकोर्ट को यह भी बताया है कि तीनों चरणों के अलग-अलग ट्रायल की रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष रखी जाएगी।
सरकार अगली तारीख यानी 27 मार्च को कोर्ट में ट्रायल रन की पूरी रिपोर्ट पेश करेगी। हाईकोर्ट ने सरकार की अनुपालन रिपोर्ट स्वीकार कर ली है और इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 मार्च को होगी। इस मामले में याचिकाकर्ता और विरोध प्रदर्शन के पीछे के मास्टरमाइंड संदीप रघुवंशी का कहना है कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है और हमें पूरा भरोसा है कि पीथमपुर में जहरीले कचरे का निपटान नहीं किया जाएगा।
हाईकोर्ट से मांगा था समय आपको बता दें कि 1 जनवरी को भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 अलग-अलग कंटेनरों में भरकर पीथमपुर ले जाया गया था, जहां इसका निपटान किया जाना था, लेकिन पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के चलते सरकार ने इस मामले में जनजागृति लाने के लिए हाईकोर्ट से समय मांगा था।