आखिर करें तो क्या करें. ऐसे में अगर किसी एक चीज़ का सबसे बड़ा सहारा रहता है तो वह है आस्था का. भगवान का.

आज हम आपको इस बुरे दौर से गुजरने के लिए सकारात्मक बात बताने आए है. एक ऐसा उपाए जिससे आपके जीवन में सकारात्मकता आना निश्चय ही है. ये किस्सा जुड़ा हुआ है माता सीता और महाबली बजरंगबली से. एक बार माता सीता ने हनुमान जी को प्रदान की थी ये अष्ट सिद्धियां. इन्ही अष्ट सिद्धियां में था अपार चमत्कार. वहीं अष्ट सिद्धियां हम आपको बताने जा रहे है. इसलिए ध्यान से इस पूरी खबर को पढ़ें. इन्हीं अष्ट सिद्धियों के कारण हनुमान जी बलवान बने थे.

आप में से हर किसी ने हनुमान चालीसा(Hanuman Chalisa) में शामिल चौपाई “अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।” तो सभी ने जरूर पढ़ी होगी. या कहीं न कहीं सुनी होगी. इस चौपाई का हिंदी में अर्थ है कि हनुमान जी अष्ट यानी कि आठ सिद्धियों से संपन्न हैं. लेकिन वो अष्ट सिद्धियां(Asht Siddhiyan) कौन सी है. और इनसे कौन कौन से चमत्कार होते हैं. आइए बताते हैं विस्तार से.

हनुमान जी की आठ सिद्धियां(Asht Siddhiyan)
-अणिमा- यह है सबसे पहली सिद्धि इसके जरिए हनुमान जी अपने शरीर को छोटा बना सकते हैं यानी अति से अति सूक्ष्म तक.
-महिमा- इस दूसरी सिद्धि से शरीर का आकार बहुत ही ज्यादा बढ़ाया जा सकता है. रामायण में भी इस बात का कई बार जिक्र देखने को मिलता है जब हनुमान जी ने अपने शरीर को बड़ा किया था.
-लघिमा- इस सिद्धि के साथ शरीर छोटा होने के साथ हल्का भी करना हो तो यही सिद्धि काम में आती है.
-प्राप्ति- इसके जरिए कोई भी वस्तु प्राप्त की जा सकती है.
-प्राकाम्य- यह सिद्धि कामनापूर्ति और किसी भी लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए उपयोग में लाई जाती है.
-ईशित्व- ऐश्वर्य सिद्धि के लिए इसे अमल में लाया जाता है.
-गरिमा- इस सिद्धि के साथ शरीर का वजन अपार रूप से बढ़ाया जाता है.
-वशित्व- अगर किसी को वश करना हो तो इस सिद्धि का इस्तेमाल किया जाता हैं.

आपको बता दें रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं हनुमान जी
ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी को रूद्र यानी कि शिव का ग्यारहवां अवतार माना गया है. जिनमें अपार शक्ति, साहस, बल है, जो गुणों से परिपूर्ण होता हैं. इसी तरह हैं ऊपर वर्णित इन आठों सिद्धियों में भी यही गुण संपन्न हैं. माना जाता है कि माता सीता ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर उन्हें ये सिद्धियां दी थी. ये भी कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है वो भी इन सिद्धियों को हासिल करने योग्य हो जाता है.