Haryana and UP News: मोदी सरकार देशभर में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर करने और यात्रियों को सुगम सफर देने के लिए नए हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हरियाणा के पानीपत तक एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। यह हाईवे 700 किलोमीटर लंबा होगा और यूपी-हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
22 जिलों को मिलेगा सीधा फायदा
इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से यूपी और हरियाणा के 22 जिलों को सीधा फायदा होगा। गोरखपुर से पानीपत तक जाने वाले इस हाईवे से यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा का लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली और पानीपत से होकर गुजरेगा। पहले यह केवल गोरखपुर से शामली तक प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे हरियाणा के औद्योगिक शहर पानीपत तक बढ़ा दिया गया है।
दिल्ली की ICT फर्म को मिली जिम्मेदारी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना के लिए दिल्ली की ICT फर्म को कंसल्टेंट के तौर पर चुना है। यह फर्म विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के साथ-साथ जमीन की सीमा निर्धारण का कार्य भी करेगी। इसके अलावा, निर्माण के दौरान लागत का आकलन करने और ठेकेदारों के चयन का काम भी इसी फर्म को सौंपा गया है।
हाईवे निर्माण को लेकर सरकार की स्ट्रेटजी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे कई चरणों में तैयार किया जाएगा। सरकार ने इसके निर्माण के लिए तीन साल का लक्ष्य तय किया है। एक्सप्रेसवे बनने से न केवल उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे क्या है?
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे ऐसे हाईवे होते हैं जो नए इलाकों में बिना किसी पुराने मार्ग पर निर्भर हुए बनाए जाते हैं। इनका निर्माण नवीनतम तकनीकों से किया जाता है, जिससे यातायात सुगम और तेज होता है। यह एक्सप्रेसवे भी पूरी तरह से ग्रीनफील्ड तकनीक पर आधारित होगा, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचेगा और यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
हाईवे से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें
- एक्सप्रेसवे का निर्माण बड़े स्तर पर भूमि अधिग्रहण करके किया जाएगा।
- इसमें हाई-स्पीड कॉरिडोर होगा, जिससे लंबी दूरी के यात्रियों को लाभ मिलेगा।
- सरकार इस परियोजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित कर सकती है।
- सुरक्षा के लिहाज से हाईवे पर स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा।
- मार्ग के दोनों ओर सर्विस लेन और इमरजेंसी हेल्पलाइन सुविधा दी जाएगी।
परियोजना की मौजूदा स्थिति
वर्तमान में इस परियोजना के लिए DPR तैयार करने और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने का काम चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी और फिर निर्माण कार्य शुरू होगा।