Property rights : प्रोपर्टी को लेकर सभी के मन कई प्रकार के सवाल पैदा होते है। देश में प्रोपर्टी (Property disputes) को लेकर सबसे ज्यादा विवाद उत्पन्न होते है। सरकार ने प्रोपर्टी संबंधित विवादों से निपटने के लिए कई कानून बनाए है। संविधान में प्रोपर्टी से जुड़े कई नियम है। सरकार समय समय पर इन नियमों में बदलाव करती रहती है। रिश्तों से जुड़े प्रोपर्टी के नियमों में सरकार समय-समय पर बदलाव करती है।
हमारे देश में प्रोपर्टी के अधिकारों को लेकर सबसे ज्यादा विवादित (Property New rule) मामले सामने आते है। लोगों के मन में पिता, ससुर या बहन के नाम पर प्रोपर्टी होने के संबंध में सबसे ज्यादा सवाल पैदा होते है। लोगों के मन में सबसे पहले सवाल यह आता है कि वह इन सब प्रकार की प्रोपर्टी (property claim) पर कैसे दावा कर सकता है। इन प्रोपर्टी से जुड़े नियम और कानून अपडेट होते रहते है। संहिताएं और कानून भी नए दौर की जरूरत के हिसाब से बदली जाती हैं। संपत्ति संबंधी (indian property law) कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है। अक्सर इससे जुड़ी उलझनों और जानकारी की कमी के चलते संपत्ति संबंधी विवाद भी होते हैं।
संपत्ति बंटवारे में महिला का अधिकार
संविधान में महिलाओं की (womwn property rule) सुरक्षा को लेकर कई कानून बना रखे है। भारतीय संविधान में सुरक्षा कानून ने महिला को पति के साथ घर में रहने का अधिकार दिया है। यह अधिकार महिला के गुजारा भत्ते (women alimony ) और मानसिक शारीरिक हिंसा से बचाव के अधिकार के अलावा है। लेकिन पति की संपत्ति (women property law) में पत्नी के अधिकारों से संबंधित मुद्दा भी संपत्ति बंटवारे से जुड़ा एक अहम मुद्दा है। पति और ससुराल की संपत्ति में पत्नी का कोई हक है या नहीं और इससे जुड़े कानूनी प्रावधान क्या हैं।
खुद की संपत्ति पर बहू का अधिकार
यदि किसी महिला के पास खुद की संपत्ति है तो वह शादी के बाद भी उस संपत्ति (Property Law in Indian) पर पूरा अधिकार जमा सकती है। इसके लिए संविधान में नियम और कानून स्पष्ट है। व्यक्ति की खुद से अर्जित (Women self Property) संपत्ति चाहे जमीन हो, मकान हो, पैसे हों, गहने हों या कुछ अन्य इस पर पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ उसी व्यक्ति का अधिकार है जिसने संपत्ति अर्जित की है। इससे जुड़े सभी अधिकार उसके पास सुरक्षित होते हैं।
बहू का ससुराल में संपत्ति पर अधिकार
देश में बहु का अपने सास-ससुर की संपत्ति (Women right in inlaws Property) पर सामान्य परिस्थितियों में कोई अधिकार नहीं होता है। बहु अपने सास-ससुर की संपत्ति पर उनके जीवित रहते या मरने के बाद कोई दावा नहीं कर सकती है। सास-ससुर की संपत्ति पर बहु के पति का पूर्ण रुप से अधिकार होता है। सास-ससुर और पति की मृत्यु के बाद बहु को सास-ससुर की संपत्ति में अधिकार मिल सकता है। इसके लिए यह जरूरी है कि सास-ससुर नें संपत्ति संबंधी वसीयत बनाकर उसे किसी और को ना दिया हो। यहां तक कि बेटा भी माता-पिता के घर में तभी तक रह सकता है, जब तक कि माता-पिता की अनुमति हो। वह इसमें रहने के लिए कानूनी अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।