कुछ समय पहने अगर कोई भारतीय वाइन टेस्ट करना चाहता था तो देश में उसके पास कोई ऑप्शन नहीं था।अगर वो हर हाल में अपनी यह ख्वाहिश पूरी करना चाहता है तो उसे फ़्रांस,इटली और केलिफोर्निया जैसे वाइन बनाने वाले किसी जगह की यात्रा करनी पड़ती है।लेकिन अब देश में ही ऐसा एक शहर है,जाहा जाकर भारतीय या कोई इंटरेनशनल टूरिस्ट स्थानीय रूप से उत्पादित वाइन का स्वाद ले सकते है।
भारत का वह शहर नासिक है।यह भारत का वह शहर है जहा शराब कफ पहले से बनाई जाती रही है।लेकिन नासिक पिछले डेढ़ शतक में ‘ वाइन राजधानी के रूप में उभरा है।नासिक महाराष्ट राज्य में मुंबई से लगभग 100 मिल उत्तर पूर्ण में है।नासिक का इतिहास बहुत समृद्ध है। यह वह स्थान माना जाता है जहा महासागरों का मंथन किया गया था।इसी स्थान पर सोमरस नामक कुछ प्रेरणिक अमृत गिरा था।आज नासिक भारत में वाइन उत्पादन का मुख्य केंद्र है।इसलिए इस शहर के लिए वाइन केपिटल का तमगा एकदम उपयुक्त है।
52 वाइनर है इस शहर में
नासिक के बारे में यह काफी रोचक जानकारी है की भारत में बनने वाली वाइन का एक बड़ा हिंसा इसी शहर में तैयार किया जाता है।अकेले इस शहर में 52 वाइनरी है।जिसे चलाने के लिए 8000 एकड़ जमीं पर अंगूर कीखेती की जाती है।अगर नासिक के नजदीक सभी तरह के अंगूर की बागवानी की बात करे तो उसका कुल क्षेत्रफल 18000 एकड़ के करीब है।नासिक में अंगूर की खेती काफी बड़े पैमाने पर होती है। इसलिए वह मौजूद वाइनरी को वाइन बनाए के लिए आसानी से अंगूर उपलब्ध हो जाते है।
अच्छी वाइन बनाना था लक्ष्य
केलिफोर्निया में वाइन का अधीन करने के बाद सामंत का लख्य अंतराष्टीय मानक की बोतले बनाना था।सुला के पास शिराज,रसा शिराज और केबर्नेट सॉविनन के 1,300 से ज्यादा ओक बैरल के साथ टेम्प्रेचर और इम्युनिटी और ह्यूमिडिटी कंट्रोल बैरल रम है।ओक और वाइन स्र्वग में बानी जोड़ी है।ओक का काम वाइन को ऊपर उठाना है।वह इसे सॉफ्ट रिच और अधिक जटिल बनाता है।
