Fasal Muavja: हरियाणा सरकार ने किसानों को एक महत्वपूर्ण राहत देते हुए रबी फसलों के लिए उत्पादन सीमा में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस निर्णय से किसानों को अपनी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिक मात्रा में बेचने की अनुमति मिलेगी, जिससे उनकी आय में इजाफा होगा. मुख्यमंत्री ने इस बदलाव को किसानों के हित में बताया और कहा कि इससे प्रति एकड़ अधिक पैदावार होने पर भी फसल बेचने में किसानों को कोई परेशानी नहीं आएगी.
नई सीमा कब से होगी लागू?
2024-25 के रबी खरीद सीजन से नई उत्पादन सीमा लागू की जाएगी. इस फैसले का लाभ उन किसानों को मिलेगा जो पहले से तय सीमा से अधिक पैदावार कर रहे थे और MSP पर अपनी पूरी फसल नहीं बेच पा रहे थे. आबकारी विभाग द्वारा गठित समिति ने उत्पादन सीमा में यह बदलाव करने की सिफारिश की थी.
किन फसलों को मिलेगा लाभ?
जौ, सूरजमुखी, चना, मसूर और ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए उत्पादन सीमा में वृद्धि की गई है. जौ के लिए प्रति एकड़ उत्पादन सीमा 15 से बढ़ाकर 16 क्विंटल, सूरजमुखी के लिए 8 से 9 क्विंटल, चने के लिए 5 से 6 क्विंटल, मसूर के लिए 4 क्विंटल और ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए 3 से बढ़ाकर 4 क्विंटल की गई है.
गेहूं के लिए कोई बदलाव नहीं
इन सभी बदलावों के बीच, गेहूं की उत्पादन सीमा में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जो 25 क्विंटल प्रति एकड़ पर स्थिर रहेगी. यह फैसला उन फसलों के लिए किया गया है जिनमें औसत पैदावार में सुधार हुआ है, और इससे किसानों को बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ प्राप्त होगा.