भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
फरेंदा और नौतनवा में दो पुलों का होगा निर्माण
मेक इन इंडिया मुख्यत निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है।
मेक इन इंडिया पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों. बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है। इसी क्रम में जिले के फरेंदा और नौतनवा क्षेत्र के लोगों के लिए अच्छी खबर है। लंबे समय से क्षतिग्रस्त पुलों के कारण लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही थी। इस समस्या को दूर करने के लिए शासन की ओर से दोनों पुलों के निर्माण के लिए दो करोड़ 69 लाख के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पुल बनने से करीब दो लाख की आबादी को सहूलियत मिलेगी। जानकारी के अनुसार, वर्तमान में नौतनवा क्षेत्र के गनेशपुर-बेलहिया-विशुनपुर-सगरहवा मार्ग पर बना पुल जर्जर हो चुका है। बारिश के दिनों में जलभराव होने के कारण यह पुल अक्सर पानी में डूब जाता है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।फरेंदा विधानसभा क्षेत्र में सहजनवा बाबू-गुजरौलिया-मिश्रवलिया से खड़खोड़ी मार्ग पर स्थित मटियरवा ताल पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस पुल से गुजरने वाले लोगों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुल कमजोर होने के कारण कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
राज्यों के विकास में ही देश का विकास
सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरुरतों से हटाया गया है। सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन. बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26ः से 49ः तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100ः एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100 एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उद्योग से संबंधित मंत्रालय प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत प्रत्येक मंत्रालय ने अगले एक एवं तीन साल के लिए कार्यवाही योजना की पहचान की है। कार्यक्रम मेक इन इंडिया निवेशकों और उनकी उम्मीदों से संबंधित भारत में एक व्यवहारगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। श्इनवेस्ट इंडिया में एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। नये निवेशकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अनुभवी दल भी निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ में उपलब्ध है। इन दोनों पुलों के निर्माण के लिए शासन की ओर से टेंडर जारी हुआ है। निर्माण के लिए संबंधित कार्यदायी संस्था को नामित किया गया है। पुल निर्माण के लिए बांड निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। फूलमनहा के महेंद्र का कहना है कि पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कई बार लंबे रास्तों से घूमकर जाना पड़ता है। दो स्थानों पर जल्द नया पुल बनेगा। इसके लिए टेंडर जारी हुआ है। बांड की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। जल्द कार्यदायी संस्था की ओर से पुलों का निर्माण शुरू किया जाएगा।