पंचाग के अनुसार हर महीने दो प्रदोष व्रत रखे जाते है।प्रदोष व्रत हर माँ कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है।माना जाता है की भगवान शिव के लिए प्रदोष व्रत रखने पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।भक्तो को आरोमय का वरदान मिलता है और जीवन की परेशानी दूर हो जाती है।पंचाग के अनुसार फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत 21 फरवरी ,बुधवार के दिन रखा जाऐगा।बुधवार के दिन आने वाले इस प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहते है।जानिए प्रदोष व्रत की पूजा कौन – कौन सी सामग्री शामिल की जा सकती है।
प्रदोष व्रत के मंत्र
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है।स्नान के बाद स्वस्थ वस्त्र धारण करके भगवान शिव का ध्यान किया जाता है और व्रत का संकल्प लेते है।प्रदोष व्रत की असल पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है।प्रदोष काल का शुभ मुहर्त शाम 6 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजाकर 47 मिनट तक है।प्रदोष व्रत की पूजा में मिठाई,फल,फूल,बेलपत्र,धुप,दिप,रोली,चंदन,अक्षत,शमी के पत्ते,भस्म और धतूरा आदि सामग्री को शामिल कर सकते है।वही कुछ मंत्र दिए गए है जिनका प्रदोष व्रत के दिन जाप करना बेहद शुभ कहा जाता है।