Bank Closed: भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव आने वाला है क्योंकि केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम IDBI बैंक में अपनी 61% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं. यह प्रक्रिया जनवरी 2023 में शुरू हुई थी जब सरकार ने निवेशकों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किया था.
निजीकरण प्रक्रिया के अंतिम चरण में IDBI बैंक
अब यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और शेयर खरीद समझौता (Share Purchase Agreement – SPA) जल्द ही फाइनल होने वाला है. सरकार और LIC इस डील के तहत IDBI बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल भी निजी निवेशकों को ट्रांसफर करेंगे, जो बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा परिवर्तन सिद्ध होगा .
सरकार और LIC द्वारा बिक्री की जाने वाली हिस्सेदारी
सरकार की 30.48% और LIC की 30.24% हिस्सेदारी मिलाकर कुल 61% हिस्सेदारी बिक्री होगी. इस बिक्री के साथ ही बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल निजी निवेशकों के हाथों में चला जाएगा, जिससे बैंक की कार्यप्रणाली में नई दक्षता और नवीनीकरण की उम्मीद है (management control transfer).
डेटा रूम से जुड़ी चिंताएं और उनका समाधान
इस बीच, IDBI बैंक के निजीकरण प्रक्रिया में डेटा रूम से जुड़ी कुछ चिंताएं थीं, जिन्हें हाल ही में दूर कर लिया गया है. इससे डील के अगले चरण में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है और जल्द ही वित्तीय बोलियां (financial bids) आमंत्रित की जाएंगी, जिससे निजीकरण की प्रक्रिया को स्पीड मिलेगी .
लंबे समय से चल रही प्रक्रिया का परिणाम और भविष्य
IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया जनवरी 2023 से चल रही है और अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस निजीकरण से सरकार और LIC को उम्मीद है कि वे अपने विनिवेश लक्ष्यों को ले सकेंगे और बैंक की कार्यक्षमता में सुधार होगा .